कुछ बातों को यदि हम अपनी आदत बना लें तो हमें सक्‍सेसफुल होने से कोई नहीं रोक सकता। बस हमें इन बातों को अपनी आदत बनाकर रोजमर्रा के काम निपटाने होंगे। एक बार यह शुरू हो गया तो आप देखेंगे आपकी लाइफ खुद ब खुद सेट होती चली जाएगी। आप सफलता की सीढि़यां चढ़ते चले जाएंगे। आइए जानते हैं इन बातों को...


जिम्मेदार बनिएसबसे पहले आपको जिम्मेदार बनने की पहल करनी होगी। मतलब हर गलत बात के लिए दूसरों पर ब्लेम करने की बजाए आगे बढ़कर खुद जिम्मेदारी लेनी होगी। अपनी आज की स्थिति के लिए कभी मौसम, पेरेंट्स या माहौल को दोष मत दीजिए। यह हमेशा याद रखिए कि जिंदगी आपकी है और हर गलत सही स्थिति के लिए आप खुद जिम्मेदार हैं। जब आप किसी बात की जिम्मेदारी लेते हैं तो सामने वाले का आप पर भरोसा बढ़ता है। इतना ही नहीं आप में खुद का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। एक बार जब आप जिम्मेदार बन जाते हैं तो आपकी गलतियां कम होनी शुरू हो जाती हैं।अंत सोच कर शुरुआत करें
कोई भी काम शुरू करें तो उसके अंत के बारे में जरूर सोच लें। यदि आप भविष्य में कुछ बनना चाहते हैं तो यह जरूर जान लें कि वह क्षमता आपमें है भी या नहीं। फर्ज करें कि आप कहानीकार बनना चाहते हैं और आपमें कल्पनाशीलता या वर्तमान समाज या विषय को समझने की सूझबूझ नहीं है, आपमें पढ़ने की आदत भी नहीं तो यह फैसला बिल्कुल गलत है। आप खोखली नींव पर महल खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि आप जो भी काम शुरू करने की सोचें तो जमीन देखकर उसका नक्शा बनाएं ताकि मकान ठीक बन सके। ऐसा ना हो कि जमीन तिकोनी है और आप वहां एक बड़ा गोलघर खड़ा करने की सोच रहे हों।प्राथमिकता तय करें, ना भी कहेंआप मेहनती बनें यह सफलता के लिए जरूरी है। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि आप बिना मतलब के काम के बोझ अपने सिर ले लें। इससे आपका मूल उद्देश्य प्रभावित हो सकता है। अपने उद्देश्य के अनुसार प्राथमिकता तय करें और उसके लिए कमिटेड रहें। गैरजरूरी उद्देश्य से परे दूसरे कामों को ना कहना सीखें। इससे कोई गलत इंप्रेशन नहीं पड़ेगा बल्कि जब आप अपना काम नियत समय पर पूरा करके देंगे तो आपको बड़ा रिवार्ड मिलेगा। सामने वाले का आप पर भरोसा बढ़ेगा कि यह व्यक्ति जो भी काम अपने हाथ में लेता है अच्छी तरह निपटा कर टाइम पर देता है।अपनी जीत सोचें, दूसरों की हार नहीं


हमेशा अपनी जीत के बारे में सोचना अच्छी बात है। दुनिया में कोई भी हार के लिए काम नहीं करता। इसका कतई यह मतलब नहीं कि आप जीतने के लिए दूसरों की हार के बारे में सोचने में समय बर्बाद करें। इससे आप जो भी और जहां भी काम करेंगे वहां का माहौल खराब होगा और आपका काम भी। इसलिए जरूरी है कि जीत के लिए जब भी आप प्लान बनाएं उसमें जितने भी लोग शामिल हों उसकी जीत के बारे में भी सोचें। समूह में जीत के बारे में सोचने पर माहौल पॉजिटिव बना रहता है। आपका कहीं कभी विरोध नहीं होगा और अंतत: विजेता आप ही होंगे। यदि हार हो भी जाती है तो असली विजेता आप ही कहलाएंगे।दूसरों को पहले समझें, तब समझाएंहम अपनी जिंदगी में काफी समय बोलना, लिखना और पढ़ना सीखने में बिता देते हैं। लेकिन क्या हमें कभी ऐसी शिक्षा दी जाती है कि हम दूसरों की बातें सुनें भी। हम लोग दूसरों की बात सुनने की बजाए दूसरों को हमेशा अपनी बात समझाने में लगे रहते हैं। नतीजा आप सब जानते हैं। पीठ पीछे सब एकदूसरे की बुराई करते रहते हैं। कोई दबाव ना हो तो कोई किसी भी बात नहीं मानता। इसलिए जरूरी है कि किसी कोई कोई बात समझाने से पहले उसकी सुनी जाए। इससे एक फायदा यह भी होगा कि आप यह समझ सकेंगे कि उस आदमी की समझ कितनी है और उसे जो आप समझाना चाहते हैं उसे किस ढंग से समझाई जाए।

Posted By: Satyendra Kumar Singh