इलाहाबाद में इन दिनों चल रही बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चंद्रशेखर आजाद पार्क पंहुचे। यहां पर पीएम ने आजाद की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अहम् स्थान रखने वाले चंद्रशेखर आजाद इस संसार में अमर हैं। ऐसे में आइए जाने देश को अंग्रेजों से मुक्‍ति दिलाने वाले इस वीर सपूत के जीवन से जुड़ी ये खास बातें...



चेहरे पर कोई डर नहीं

चंद्रशेखर आजाद स्वभाव से काफी निर्भीक प्रवृत्ति के थे। शायद तभी वह महज 14 साल की उम्र में 1921 में गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़ गए थे। इसी दौरान वह गिरफ्तार भी हुए थे। ऐसे में जब चंद्रशेखर को जज के सामने पेश किया गया तो उनके चेहरे पर कोई डर नहीं था। जज ने उनसे उनके पिता का नाम पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि उनका नाम आजाद है। उनके पिता का नाम स्वतंत्रता और पता जेल है।


जगहों के नाम बदले

इलाहाबाद के जिस पार्क में उनका निधन हुआ था उस पार्क का नाम बाद में बदलकर चंद्रशेखर आजाद पार्क रखा गया। इतना ही नहीं मध्य प्रदेश के जिस गांव में वह रहे थे उसका भी नाम बदला गया। धिमारपुरा गांव बाद में आजादपुरा हो गया। वह यहां के स्थानीय लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गए थे। झांसी में भी वह रहे। वहां रहते हुए चंद्रशेखर आजाद ने गाड़ी चलानी सीखी थी।

पुलिस में था खौफ
चंद्रशेखर आजाद का पुलिस के बीच काफी डर कायम था। कहा जाता है कि जब इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में देश के सबसे बड़े क्रांतिकारी का मृत शरीर पड़ा था तब भी पुलिस के चेहरे पर साफ खौफ था। उनके मृत शरीर के पास जाने की किसी की हिम्मत नहीं थी। पुलिस ने उनके शरीर पर पहले गोलियां चलाकर खुद को आश्वस्त किया और तब उनके पास जाने की हिम्मत जुटाई।

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Posted By: Shweta Mishra