5 बातें : गावस्कर कैसे बने 'लिटिल मास्टर'
10,000 से अधिक रनसुनील गावस्कर की खासियत रही है कि वह जब भी मैदान पर उतरते थे तो रनों की बौछार होती थी। उनके बल्ले के आगे गेंदबाजों के पसीने छूट जाते थे। सुनील गावस्कार 10,000 से अधिक रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी है।1971 में डेब्यू किया किक्रेट की दुनिया में सुनील गावस्कर ने 1971 में डेब्यू किया था। उन्हें टेस्ट टीम के वेस्टइंडीज दौर में चुना गया था। इस दौरान सुनील ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया था। सुनील ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 4 टेस्ट में कुल 774 रन बनाए थे। 34 टेस्ट शतक का रिकॉर्डसुनील गावस्कर के नाम 34 टेस्ट शतक स्कोरिंग का रिकॉर्ड रह चुका है। उनका यह रिकार्ड करीब 20 साल तक बरकरार रहा। हालांकि इस रिकार्ड को बाद में 2005 में सचिन तेंदुलकर ने तोड़ा था।कमेंटेटर के रूप में छाए
सुनील गावस्कर एक कप्तान के रूप में भी अच्छा नेतृत्व कर चुके हैं। उनकी कप्तानी में ही भारतीय टीम ने 1985 में वर्ल्ड चैंपियनशीप ऑफ क्रिकेट को जीता था। इसके बाद 1987 का वर्ल्ड कप खेलने के बाद सुनील ने क्रिकेट से सन्यास ले लिया। आज वो कमेंटेटर के रूप में भी अपनी अच्छी पहचान बना चुके हैं।फिल्मों में भी काम किया
सुनील गावस्कर के अंदर सिर्फ एक क्रिकेटर ही नहीं बल्िक एक अभिनेता भी छुपा था। सुनील फिल्मों में भी काम किया था। इन्होंने बंगाली फिल्म salvi premachi से फिल्मों में डेब्यू किया। इसके बाद इन्होंने हिंदी फिल्म मालामाल में भी अभिनय किया। इस फिल्म से ये एक अभिनेता के रूप में भी पहचाने जाने लगे।
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