Republic India : भारतीय सेना के जाबांजों की 5 कहानियां, जिसे सुनकर आपको होगा गर्व
1. The war of 1967 :-
भारत-चीन बॉर्डर पर चीनी सिपाहियों की घुसपैठ काफी आम बात हो गई थी। चीनी सेना इस तरह की हरकतें करके भारतीय जवानों को उकसाया करती थी। ऐसे में भारत ने इस समस्या को सुलझाने के लिए बॉर्डर की घेराबंदी का काम शुरु कर दिया था। चीन ने इस बात पर भारत से नाराजगी भी जताई लेकिन इस तीखी बहस का हल अभी तक नहीं निकला था। जिसके परिणामस्वरूप चीन ने नाथू ला बॉर्डर पर गोलीबारी शुरु कर दी, इसके बाद भारतीय सेना ने भी गोलिंयों का जवाब गोलियों से दिया। जिसमें कि चीनी बंकर तहस-नहस हो गए और कुल 400 लोग मारे गए, अंत में चीन को इस युद्ध में हार झेलनी पड़ी। चीन को यह हार बर्दाश्त नहीं हुई और उसने चाऊ ला के पास एकबार फिर भारत से टकराने की कोशिश की जिसमें उसके 40 एलीट कमांडो मारे गए हालांकि इस लड़ाई में भारत के कैप्टन डागर और मेजर हरभजन सिंह भी शहीद हो गए।
भारत जब 1947 में आजाद हुआ तो उसे समय गोवा में अभी भी पुर्तगाल का कब्जा बना हुआ था। हालांकि उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गोवा को भारत में मिलाने का काफी प्रयत्न किया। लेकिन नेहरू के सभी प्रयास विफल रहे जिसके बाद 1961 में भारतीय सेना एक्शन में आई और पुर्तगालियों को गोवा से भगाकर उसपर कब्जा कर लिया। इस ऑपरेशन को नाम 'ऑपरेशन विजय' रखा गया जिसमें कि भारतीय जवानों ने हवा, समुद्र और जमीन पर तकरीबन 36 घंटे तक ऑपरेशन चलाया।
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