चौदहवें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो तिब्बत के राष्ट्राध्यक्ष व आध्यात्मिक गुरू हैं। उनका जन्म 6 जुलाई 1935 में उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में रहने वाले येओमान परिवार में हुआ था। ये दलाई लामा अब एक आध्यात्मिक तिब्बती प्रतीक हैं। रविवार को दलाई लामा ने कैलीफोर्निया में अपने साथी नोबेल पुरस्कार विजेताओं मशहूर हस्तियों और 18000 से अधिक अनुयायियों के साथ अपना 80वां जन्‍मदिन मनाया। मौके पर इन्‍होंने बेहद विनम्र और सरल रूप में अपने जीवन का वर्णन किया। अपनी बौद्धिक स्‍तर से काफी परे राष्ट्रवादी नेता हैं ये। आइए जानें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो के जीवन से जुड़ी पांच अहम बातें।

1 - इनका असली नाम जेत्सुन जमफेल गवांग लोबसांग येशी तेनजिन ग्यात्सो है। इनके नाम को आम बोलचाल में लाने के लिए छोटा किया गया और इन्हें बोला गया तेनजिन ग्यात्सो। दूसरे दलाई लामा के बाद से हर दलाई लामा के नाम पर बतौर उपनाम ग्यात्सो लगाया जाने लगा।
2 - एक रिपोर्ट के अनुसार दलाई लामा ने जवाहर लाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक भारत के हर प्रधानमंत्री से हाथ मिलाया है।
3 - दलाई लामा विज्ञान और प्रौद्योगिकी से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। शिकागो ट्रिब्यून के अनुसार उन्होंने खुद ये बात कही कि अगर वो दलाई लामा नहीं बनते, तो इंजीनियर होते।  
4 - दलाई मांसाहारी हैं। ये दलाई लामा शुरू-शुरू में शाकाहारी ही थे, लेकिन ऐसा बहुत कम समय तक कायम रह सका। उसके बाद पीलिया जैसी कुछ शारीरिक दिक्कतें होने के कारण इन्हें अपने आहार में मांसाहार को भी शामिल करना पड़ा।
5 - पिछले दशक में दलाई लामा ने लगातार समलैंगिक अधिकारों के समर्थन में आवाज उठाई है। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार लैरी किंग के साक्षात्कार में समलैंगिक अधिकारों पर अपने रुख के बारे में पूछे जाने पर दलाई लामा ने कहा कि समलैंगिक शादी प्रत्येक सरकार और व्यक्ति के व्यवसाय से ऊपर उठ गया है। उन्होंने कहा कि अगर दो लोग, एक जोड़ा वास्तव में इस बात को महसूस करता है कि दोनों पक्ष एक दूसरे से पूरी तरह से सहमत हैं, संतुष्ट हैं तो फिर ठीक है। दोनों को एक हो जाना चाहिए।

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Posted By: Ruchi D Sharma