RANCHI : रिम्स में इलाज के लिए झारखंड के अलावा आसपास के राज्यों से तक से मरीज आते हैं। और यहां इन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का भी ढोल पीटा जाता है। लेकिन सब कुछ ठीक नहीं है। हॉस्पिटल में बायोकेमेस्ट्री की मशीन छह महीने से खराब पड़ी है। हार्मोन टेस्ट की मशीन ने भी जवाब दे दिया है। इससे मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। उनका जो टेस्ट हॉस्पिटल में सिर्फ 500 रुपए में होता था उसके लिए उन्हें बाहर में दो हजार रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन खराब पड़ी मशीनों को दुरुस्त नहीं करा रहा है।

खराब पड़ी मशीन करोड़ों की

हॉस्पिटल में मरीजों की भीड़ होती है। यह देखते हुए ही सेंट्रल लैब बनाया गया है ताकि मरीजों का सरकारी दर पर जांच हो सके। लेकिन यहां पर जांच के लिए लगाई गई करोड़ों रुपए की मशीनें ही बेकार पड़ी हैं। इस चक्कर में मरीज प्राइवेट सेंटरों में जांच कराने को मजबूर हैं। इससे उनके पॉकेट पर काफी बोझ पड़ रहा है।

250 की जगह सिर्फ 40 का टेस्ट

वहीं रिम्स के सेंट्रल कलेक्शन सेंटर में आम दिनों में 250 मरीजों का ब्लड सैंपल कलेक्ट किया जाता था। लेकिन ये भी मशीन खराब है। इस कारण यहां अब केवल 40 सैंपल ही टेस्ट के लिए भेजे जा रहे हैं। और ये टेस्ट भी रिम्स के लैब मेडिसीन में कराए जा रहे हैं। अगर बायोकेमेस्ट्री डिपार्टमेंट की मशीन चालू होती तो सभी के खून की जांच हो जाती।

लैब में लगी हार्मोन टेस्ट की मशीन भी दो दिनों से खराब पड़ी है। इसके चलते मरीजों की करीब एक दर्जन जांचें बंद हो गई हैं। ऐसे में मरीजों के पास प्राइवेट सेंटर में टेस्ट कराने के अलावा कोई चारा ही नहीं है।

250 रु। तक के 150 टेस्ट हैं फ्री

हॉस्पिटल में मरीजों के हित का ध्यान रखते हुए जीबी ने ढाई सौ रुपए तक के टेस्ट को फ्री में करने की सहमति दी थी। इस वजह से 150 ऐसे टेस्ट हैं जिनका मरीजों को कोई चार्ज नहीं देना पड़ रहा था। हालांकि कुछ टेस्ट ऐसे भी हैं जो 250 रुपए से कम के हैं फिर भी उसके लिए चार्ज लिया जा रहा है।

टेस्ट रिम्स प्राइवेट लैब

एलएफटी 45 रु. 500 रु।

लिपिड प्रोफाइल 200-600 रु।

ए माइलेज फ्री 200-300 रु।

टोटल प्रोटीन फ्री 2-3 सौ

एल्बुमिन फ्री 200 रु।

Posted By: Inextlive