एकेडमिक क्‍वालिफिकेशन का नियम लागू होने के बाद हरियाणा पंचायत चुनाव की एक नई तस्‍वीर उभर कर सामने आई है। एके‍डमिक क्‍वलिफिकेशन के इस नियम के चलते पहले चरण के चुनावों की 587 सीटें खाली रहने वाली हैं। जींद जिले में पंचो की सबसे ज्‍यादा 74 सीटें खाली हैं। वहीं मेवात में 63 सीटे खाली हैं।


21 जिलों की सीटें खाली एक रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के 21 जिलों में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां सभी सीटों पर उम्मीदवार पूरे हो गए हैं। करनाल में सबसे कम 2 तो महेन्द्रगढ़ में 3 सीटें खाली हैं। पहले चरण का चुनाव 10 जनवरी को होने जा रहा है। इसके लिए कुल एक लाख से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है। इनमें से 33 हजार के नामाकंन निरस्त किए जा चुके हैं।उम्मीदवारी के लिए शिक्षित होना जरूरी  
अगस्त 2015 में हरियाणा सरकार ने पंचायती राज्य कानूनों में संशोधन कर दिए थे। अब राज्य में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए जनरल कैटेगरी के उम्मीदवार का कम से कम 10वीं पास होना जरूरी है। अनुसूचित जाति के लोगों के लिए यि योग्यता 8वीं पास है। वहीं अनुसूचित जाति की महिला उम्मीदवार को पंच चुनाव लड़ने के लिए कम से कम कक्षा पांच तक पढ़ा होना जरूरी है। इसके साथ ही प्रत्याशी के घर में शौचालय की सुविधा का होना भी बहुत जरूरी है। अनुसूचित जाति की महिलाएं हैं अयोग्य


2011 की जनगणना के मुताबिक हरियाणा की आबादी 96 लाख है। इस नियम के अस्तित्व में आने के तुरंत बाद ही प्रदेश की 68 फीसदी से अधिक महिलाएं पंच चुनाव के लिए अयोग्य उम्मीदवार साबित हुईं। वहीं 41 फीसदी पुरुष भी पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य साबित हुए। जो 48 फीसदी योग्य उम्मीदवार थे उनमें भी महिलाओं की संख्या 15 लाख से अधिक थी। सूत्रों की माने तो सरकार खाली सीटों को भरने के लिए समाधान ढूंढ रही हैं।

Posted By: Prabha Punj Mishra