हवाई द्वीप पर ज्‍वालामुखी फटने के बाद आए भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर स्‍केल पर 6.9 मापी गई है। इसके चलते वहां के नागरिकों के बीच हडकंप का माहौल है। आधिकारियों का कहना है कि फिलहाल इसके धीमे होने की कोई उम्मीद नहीं है।


110 सबसे तेज भूकंपों में से एकदुनिया के सबसे एक्टिव ज्वालामुखी में से एक किलायू ज्वालामुखी फटने के बाद उस क्षेत्र के करीब 1,700 लोग बेघर हो गए। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक ज्वालामुखी फटने के बाद लीलानी एस्टेट्स से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर 6.9 तीव्र गति की भूकंप भी मापी गई, जो अब तक वहां आये 110 सबसे तेज भूकंपों में से एक था।  1975 के बाद सर्वाधिक शक्तिशाली भूकंप
यूएस जिओलॉजिकल सर्वे (USGS) के सिस्मोलॉजिस्ट जाना पर्सले ने बताया कि इस बड़े द्वीप पर गुरुवार की दोपहर से लेकर अब तक कुल 119 भूकंप आ चुके हैं। यूएसजीएस के मुताबिक शुक्रवार को 6.9 तीव्रता से आया भूकंप 1975 के बाद सर्वाधिक शक्तिशाली था। भूकंप के तुरंत बाद हवाई में बिजली सप्लाई को रोक दिया गया। भूकंप ने वहां के निवासियों को पूरी तरह से बेघर कर दिया है। इसके अलावा इतना तीव्र भूकंप आने के बाद वहां के हवा में सल्फर डाई ऑक्साइड का लेवल भी बढ़ गया है।  बचाव को लेकर गतिविधि जारी


नागरिक रक्षा प्रशासक ताल्लमज मैग्नो ने शुक्रवार दोपहर मीडिया से कहा कि 'बचाव को लेकर गतिविधि जारी है, ऐसा नहीं लगता कि फिलहाल यह भूकंप धीमा होने वाला है।' इसके बाद हवाई के मेयर हैरी किम ने कहा है कि 'सरकार की ओर से निवासियों को हर संभव सहायता दी जाएगी, साथ ही उन्हें भी जो अपने घर वापस जाकर सामानों को लाना चाहते हैं।  1924 में बाहर गिरे लावा और पत्थर गौरतलब है कि अमेरिका के हवाई प्रांत में स्थित किलायू ज्वालामुखी में शुक्रवार को हुए विस्फोट के बाद बड़ी मात्रा में लावा निकलकर आसपास के इलाकों में फैल गया। इसके चलते वहां आपातकाल की घोषणा कर दी गई। विस्फोट से पहले इस क्षेत्र में भूकंप के सैकड़ों झटके महसूस किए गए। एक रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले 1924 में किलायू में विस्फोट के बाद लावा और पत्थर बाहर गिरे थे।

Posted By: Mukul Kumar