शास्त्रों में विष्णु भगवान की पूजा में पंचामृत का अत्यंत विशेष महत्व माना गया है। इसके बिना श्री हरि अथवा इनके अवतारों की पूजा नहीं हो सकती।

शास्त्रों में विष्णु भगवान की पूजा में पंचामृत का अत्यंत विशेष महत्व माना गया है। इसके बिना श्री हरि अथवा इनके अवतारों की पूजा नहीं हो सकती। पंचामृत बनाने के लिए पांच विशेष चीजों की आवश्यकता होती है। ये पांच चीजें हैं दूध, दही, घी, शक्कर और शहद।

सूर्यास्त से पहले करें पंचामृत का निर्माण

1. शास्त्रों के अनुसार पंचामृत का निर्माण सूर्यास्त से पहले करना चाहिए।

2. पंचामृत निर्माण में गाय के दूध का प्रयोग करना उत्तम माना जाता है। इसलिए यथा संभव गाय के दूध का प्रयोग करना चाहिए।

3. पंचामृत तैयार करने के बाद इसमें तुलसी दल और गंगाजल भी डालना चाहिए।

पंचामृत में कराएं शालिग्राम का स्नान


4. यदि शालिग्राम है तो पंचामृत में उसे स्नान कराना चाहिए अथवा एक चांदी का सिक्का डालें, और भावना लें कि इसके माध्यम से श्री हरि को स्नान करा रहे हैं।

5. इसके बाद श्री विष्णु का स्मरण कर पंचामृत ग्रहण करना चाहिए।

6. पंचामृत दोनों हाथों से ग्रहण करना चाहिए। पंचामृत नीचे न गिरे इसका ध्यान रखना चाहिए।

-ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी

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Posted By: Kartikeya Tiwari