-होता है ट्रैक्टर-ठेला का बेल्डिंग, पंक्चर व हवा देने का काम

PATNA CITY : पटना नगर निगम के सिटी अंचल में पहले सेंट्रल कर्मशाला था। यह काफी समृद्ध था। यहां नगर निगम के तीनों अंचलों में खराब हुए ट्रैक्टर, हाथ ठेला से लेकर अन्य गाडि़यों का रिपेयर किया जाता था। यहां गाडि़यों की धुलाई का काम भी होता था। मगर समय के साथ यह समाप्त हो गया। अब यहां सिर्फ बेल्डिंग करने, पहिया में हवा देने व पंक्चर बनाने का काम होता है। वह भी मेटेरियल रहने पर ही पॉसिबल है।

बना है कबाड़ घर

कर्मशाला बिल्कुल कबाड़ घर बना है। यहां नगर निगम के कई खराब ट्रैक्टर बेतरतीब पड़े हैं। वाहनों का पहिया, टूटा-फूटा कबाड़ सब यूं ही पड़े हैं। यहां बैटरी मिस्त्री, बढ़ई मिस्त्री, कूली, सफाई मजदूर नहीं है। लेथ मैन व बिल्डर नहीं हैं। लोहार मिस्त्री चार में दो, फोरमैन व इंजन मिस्त्री भी नहीं है। पानी की कोई व्यवस्था नहीं होने से वाहनों की धुलाई का काम नहीं हो पाता है।

सात स्टाफ, तीन अन्य काम में

कर्मशाला में लोहार मिस्त्री के रूप में मोतीलाल इंचार्ज हैं। इसके अलावा सरयुग विश्वकर्मा, सूर्यदेव पासवान लोहार मिस्त्री, विजय, अशरफ, ललन इंजन मिस्त्री हेल्पर व समी अहमद हेल्पर हैं। ये सब पंक्चर बनाने, हवा देने, बेल्डिंग, चदरा काटने व बियरिंग का काम करते हैं। इन सबों में एक असिस्टेंट हेल्थ ऑफिसर विरेंद्र प्रसाद सिंह का वाहन और दूसरा ट्रैक्टर चला रहे हैं, तो एक एनसीसी में प्रतिनियुक्ति पर हैं। स्थिति यह है कि बेल्डिंग करने के लिए रॉड की आपूर्ति नहीं हो पाती है। बेल्डिंग को चदरा भी रोड से चुनकर लाते हैं। अधिकतर में अलकतरा ड्रम का चदरा लगाते हैं, जो टिकाऊ नहीं होता है।

बोरिंग का प्राक्कलन नहीं बना

यहां एक समय तीनों अंचलों का ट्रैक्टर, टीपर, इंजन, टैक्टर डाला, हाथ गाड़ी सब का काम होता था। अब सब बंद है। सर्विसिंग प्लांट भी वर्ष ख्00ख् में शुरू हुआ। मगर एक साल के बाद ही मेंटेनेंस के अभाव में जवाब दे गया। पिछले दिनों निगम कमिश्नर जय सिंह सिटी अंचल का विजिट किए थे। इस दौरान उन्होंने कर्मशाला का विजिट कर स्थिति का जायजा लिया था। उन्होंने इस कर्मशाला को बेहतर बनाने के बाबत ईओ अजय कुमार को निर्देशित किया था। साथ ही यहां बोरिंग कराने को लेकर प्राक्कलन बनाने का आदेश दिया था। ईओ ने सिटी अंचल के इंजीनियरिंग शाखा के ईई को प्राक्कलन बनाने व कमिश्नर साहेब को देने का निदेश दिया। मगर उन्होंने अबतक इसका प्राक्कलन नहीं बनाया है।

निगम कमिश्नर के विजिट के बाद वाहनों के मशीन के लिए मिस्त्री कांट्रैक्ट पर रखने व बोरिंग के लिए प्राक्कलन बनाने को कहा था, जो अबतक निगम के इंजीनियर बना कर नहीं दिए हैं।

अजय कुमार, ईओ

Posted By: Inextlive