अगर आप को बिल्‍ली पालने का शौक है तो जरा संभाल के क्‍योंकि ये बच्‍चे आप के लिये खतरनाक हो सकते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ आंध्र प्रदेश के विशाखापत्‍तनम जिले में जहां एक लड़का बिल्‍ली के बच्‍चों की जगह तेंदुये के बच्‍चे उठा लाया। दो दिन बात जब उसके घर वालों को पता चला कि बच्‍चे बिल्‍ली के नहीं हैं तो उनके होश उड़ गये।


जब बिल्ली के बच्चे समझ कर उठाया तेंदुये के बच्चेआंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले के आदिवासी गांव पडेरु में एक अनोखी घटना समाने आई है। यहां एक 6 साल का आदिवासी बच्चा 2 दिन तक तेंदुए के बच्चे को बिल्ली का बच्च समझकर खेलता रहा। लड़के ने बताया कि 2 दिन पहले उसे बच्चे झाड़ी के पास मिले थे। जिन्हें वह हाथ में उठाकर घर ले आया। बिल्ली का बच्चा समझकर वह उसे दूध और खाना खिलाता रहा। लड़के के माता-पिता को भी नहीं पता था कि जिनके साथ वह खेल रहा है वो बिल्ली नहीं तेंदुये के बच्चे हैं। जब पड़ोसियों की निगाह में यह बात आई तो उन्हें इस बारे में लड़के के परिवार वालों को बताया। सूचना मिलने पर वन अधिकारी लड़के के घर पहुंचे और तेंदुए के बच्चों को अपनी कस्टडी में लिया।


2 साल का होने तक मां के संरक्षण में रहते हैं बच्चे

वन अधिकारियों ने तेंदुये के बच्चों को 10 किमी दूर जंगल में छोड़ दिया। लड़के की मां ने बताया कि उनका बेटा 2 दिन पहले तेंदुए के बच्चों को बिल्ली का बच्चा समझकर घर ले आया और खेलने लगा। हमने भी यही समझकर इस पर ध्यान नहीं दिया। वह घर में खुले घूम रहे थे। लेकिन बाद में पड़ोसियों ने हमें बताया कि वे बिल्ली के नहीं बल्कि तेंदुए के बच्चे हैं। वन अधिकारियों ने बताया कि अगर उन बच्चों की मां आसपास होती तो लड़के की जान को खतरा हो सकता था। उनके मुताबिक मादा तेंदुआ एक बारे में 2 से 6 बच्चों को जन्म देती है। जो बच्चे पैदा होने के 10 दिन बाद अपनी आंखें खोलते हैं। वह 2 साल का होने तक मां के लिए संरक्षण में रहते हैं।Weird News inextlive from Odd News Desk

Posted By: Prabha Punj Mishra