RANCHI : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, रांची (आईआईएम) को न्यू कैंपस के लिए गुरुवार को जमीन सौंप दी जाएगी। सूचना भवन में इस दिन होनेवाले समारोह में जिला प्रशासन की तरफ एचईसी परिसर में स्थित 60 एकड़ जमीन के कागजात आईआईएम प्रबंधन को दिए जाएंगे। इधर, आईआईएम ने भी कैंपस बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इंस्टीट्यूट की गर्वनिंग बॉडी की बैठक में नए कैंपस भवन के डिजाइन आदि को लेकर चर्चा पहले से ही चल रही है। जमीन मिलने के बाद टेंडर निकाला जाएगा.स्थायी कैंपस के लिए जमीन मिल जाने से आईआईएम रांची में पढ़ रहे स्टूडेंट्स व फैकल्टी मेंबर्स खासे उत्साहित हैं।

नगड़ी में तोड़ दी थी बाउंड्री

2010 में आईआईएम रांची के खुलने के बाद से ही उसके स्थायी कैंपस के लिए जमीन की तलाश शुरु हो गई थी। 2012 में कांके के नगड़ी में आईआईएम को 76 एकड़ जमीन हस्तांतरित की गई थी। यहां करोड़ों रुपए खर्च कर बाउंड्री वॉल भी बना ली गई थी, लेकिन रैयत किसी भी कीमत पर अपनी जमीन देने को राजी नहीं थे। ऐसे में उन्होंने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद भी बाउंड्री वॉल को तोड़ डाला था। इस वजह से यहां आईआईएम का अपना कैंपस बनाने का सपना साकार नहीं हो सका।

चेरी में भी मिली थी 90 एकड़ जमीन

यह पहला मौका नहीं है, जब आईआईएम रांची को स्थायी कैंपस के लिए जमीन हस्तांतरित की जा रही है। इससे पहले कांके ब्लॉक के चेरी में 90 एकड़ जमीन आईआईएमको दी गई थी। 29 अप्रैल 2013 को तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री एम पल्लम राजू ने इसका शिलान्यास भी किया था, लेकिन शिलान्यास के साथ ही ग्रामीणों ने जमीन अधिग्रहण का विरोध शुरु कर दिया था। यहां तक कि उन्होंने शिलापट्ट भी उखाड़ फेंका था। वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन देने को राजी नहीं थे। ऐसी हालत में सरकार ने यहां की जमीन आईआईएम को देने के फैसले को वापस ले लिया था।

Posted By: Inextlive