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PATNA : राजधानी में 7 चौराहे ऐसे हैं, जहां आए दिन खून से सड़क लाल हो जाती है। ट्रैफिक पुलिस ने भी खूनी चौराहा मान लिया है। एक साल में इन चौराहों पर 68 हादसे हो चुके हैं। जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई। ये चौराहे कौन है और क्यों होते हैं एक्सीडेंट, इन सवालों का जवाब आज डीजे आई नेक्स्ट देगा। अगर आप इन चौराहों से गुजरने वाले है तो सावधान हो जाइए, क्योंकि सावधानी हटी, दुर्घटना घटी।

 

अनीसाबाद गोलंबर : अनीसाबाद गोलंबर पर एक साल में 7 हादसे हुए हैं। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं 7 लोग घायल हो गए। बाइपास को जोड़ने के कारण यहां 24 घंटे ट्रैफिक रहता है। उसके बावजूद स्पीड कंट्रोल का बोर्ड भी कहीं नहीं लगा है।

 

जगनपुरा मोड़ : जगनपुरा मोड़ पर एक साल में 13 हादसे हुए हैं। इसमें दो लोगों की मौत हुई है। इस चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल की जरूरत है। क्योंकि यहां पर चारों तरफ से ट्रैफिक अधिक रहता है। पास की कॉलोनी के लोग रांग साइड चलते हैं। इस कारण यहां पर हादसे हो रहे हैं।

 

खेमनी चक : सालभर में 13 हादसे हुए हैं। इसमें 5 लोगों की मौत हो गई। यहां पर आने-जाने के लिए दो रास्ते हैं। लोग ऊपर से भी आ जाते हैं। वहीं नीचे से भी एक पुल बना हुआ है। लोग जल्दी के चक्कर में रोड क्रॉस करते हैं जिससे तेज रफ्तार में आ रही गाडि़यां टक्कर मार देती है।

 

नंबर वन पर मसौढ़ी मोड़

खूनी चौराहों में नंबर वन पर मसौढ़ी मोड़ है। यहां सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं। दूसरे नंबर पर जगनपुरा मोड़ और खेमनीचक है। इसके बाद सोनाली पेट्रोल पंप, गांधी सेतु, अनीसाबाद और बाइपास थाने का नंबर आता है। आखिर यहां लगातार एक्सीडेंट क्यों हो रहे हैं, इसे लेकर ट्रैफिक पुलिस ने रिसर्च शुरू कर दी है। ट्रैफिक पुलिस ने इन्हें ब्लैक स्पॉट घोषित किया है। इन स्पॉट पर बारीकी से ऑब्जर्व किया जा रहा है कि गाडि़यों की स्पीड कंट्रोल क्यों नहीं होती। जल्द ही ऐसी खामियों को ढूंढ़कर उन्हें दूर किया जाएगा।

 

हमलोग हर साल ब्लैक स्पॉट की पहचान करते हैं। उस चौराहों पर क्या कमी है। इसको हम लोग रेखांकित करते हैं और उसे दूर किया जाता है। इस बार भी जिन चौराहों पर जो कमी है, उसे दूर किया जाएगा। हमलोगों की कोशिश ये रहेगी कि हादसे में कमी आए। हादसे में कमी के लिए लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा।

-पीएन मिश्रा, एसपी ट्रैफिक, पटना

Posted By: Inextlive