प्यार में सबसे खास होती है आपसी समझ ये ना हो तो सब कुछ होते हुए भी रिश्तों की गाड़ी पटरी से उतरने लगती है। अगर अहम हद से बढ़ जाता है तो ये आत्म सम्मान नहीं अहंकार बन जाता है और सब बिखरने लगता है इसलिए इससे बचें। चलिए ऐसी ही कुछ और बातें बतातें हैं जिससे आपका रिश्ता उतार चढ़ाव के बीच भी खुशी से गुजरता रहेगा।

एक दूसरे के स्पेस और विचारों की करें कद्र
जरूरी है कि हमेशा अपने साथी से आराम से बात करें। साथी की आदतों का विश्लेरषण कर भी आप इन बातों का अंदाजा लगा सकते हैं किसी भी चीज को लेकर उसका प्वाइंट ऑफ व्यू क्या हो सकता है। इससे अपनी और दूसरों की जरूरत को जान कर बेकार के झगड़ों को टालने में मदद मिलेगी। हर व्येक्ति यह चाहता है कि उसे गंभीरता से लिया जाए और उसकी तारीफ हो। जब आप किसी की बात को ध्यारन से बिना किसी रोक-टोक के सुनते हैं, तो इसका अर्थ यह है कि आप सामने वाले व्यक्ति के प्रति सम्मान दिखा रहे हैं। फिर चाहे वो कोई भी बात क्यों न हो। आपका साथी आपकी तवज्जोर चाहता है। फिर चाहे वो अपनी सहेलियों अथवा दोस्तों के बारे में बात करे या फिर फैशन के बारे में। आपको सारी बातें ध्यान से सुननी चाहिए। उनके दिल की बातें सुन आपको उनके बारे में सही अंदाजा लगाने में मदद मिलेगी।
बहस नहीं प्यार से सुलझायें मुद्दे
मुस्कुराहट कई मुश्किलों को हल कर देती है। अपने साथी को अपनी जिंदादिली का अहसास दिलायें। उनकी प्रतिभा और उपलब्धियों का आदर करें। उनके प्रयासों की प्रशंसा और सराहना करें। आपकी आवाज, अंदाज और क्रियाकलापों से भी ये सब भावनायें जाहिर होनी चाहिए। एक पल के लिए ऐसा नहीं लगना चाहिए कि आप उनकी बातों के प्रति गंभीर नहीं हैं। घमंड और अहम को जरा एक तरफ कर दें। बहस में व्यक्ति की कोशिश स्वयं को सही ठहराने की होती है। वह जोर जबरदस्ती से भी अपनी बात को सच साबित करना चाहता है। यही परिस्थिति असंतोष को जन्म देती है। इसमें किसी का लाभ नहीं होता। ठंडे दिमाग से दूसरे पक्ष की बात सुनें। चीजों को दूसरे कोण से देखने की भी कोशिश करें। आप पाएंगे कि अधिकतर झगड़े बेकार की पुरानी बातों पर ही होते हैं। कुछ बातों से एकदम परहेज करें जैसे तुम हमेशा ऐसा करते हो या करती हो और तुम ऐसा कभी नहीं करते या करतीं। 

दिल बड़ा करें
यानि माफ करना और मांगना सीखें। आपको सामने वाले की गलती माफ कर देनी चाहिए। आपको समझौता करने का भी प्रयास कर लेना चाहिए। हालाकि इसके लिए अपनी सेल्फ रेस्पेक्ट दांव पर ना लगायें। इसके अलावा अगर आपको लगे कि आपसे कोई गलती हो गई है, तो उसे स्वीकार करें और दिल से उसके लिए माफी मांगें। याद रखिये माफी मांगने से कोई छोटा नहीं हो जाता। अपनी गलती को दिल से स्वीकार कर लेना दरअसल आपकी सज्जनता को ही दर्शाता है।
पैसों को मुद्दा ना बनने दें
अक्सर हर रिश्ते  को तोड़ने या बिगाड़ने में पैसा बहुत बड़ा रीजन बनता है, ऐसा करने से बचें और इसके कुछ खास तरीके हैं। शादी के बंधन में बंधने के पहले अपनी सही और सच्ची फाइनेंशियल कंडीशन ही बतायें इसको लेकर झूठ ना बोलें। बहुत अधिक की आशा न रखें। अपनी अपेक्षाओं पर नियंत्रण करें। अक्सर दो पार्टनर में से एक खर्चीला होता है और दूसरा बचत पर विश्वास करने वाला तो इसे लड़ाई का मुद्दा ना बना कर बीच का संतुलन वाला रास्ता निकालें। अपने फाइनांशियल डाक्युमेंट एक दूसरे से शेयर करें। बचत और कमाई को लेकर एक दूसरे से बातें ना छुपायें।  
संवादहीनता से बचें
दिल में बातों को छुपा कर ना रखें, अपने साथी से अपने दिल की बात कहें। उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि आप क्या सोचते हैं। अपनी बात मुस्कुराते हुए कहें। बहुत ज्यादा इशारों में बातें न करें तो बेहतर। प्यार हमेशा आंखें से नहीं झलकता कहना पड़ता है तो अपने इमोशंस जरूर बतायें। अपने विचार और भावनायें उनके साथ साझा करें। खुलकर बात करें, इससे उन्हें आपको समझने में आसानी होगी और साथ ही आपका रिश्ता भी प्रगाढ़ होगा।
दुराव छुपाव से बचें
कभी कभार किसी सरप्राइज के लिए बात छुपानी ठीक है पर इसे आदत ना बनायें। भरोसा किसी भी रिश्ते की बुनियाद होता है। जिस रिश्ते में भरोसा नहीं होता, वह ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल सकता। भरोसा करें और भरोसा कायम रखें। झूठे वादे न करें। अपनी बात पर कायम रहना सीखें। भरोसा कायम होने के बाद ही आप एक स्वस्थ  रिश्ता निभा सकते हैं। कभी भी अपने साथी के साथ विश्वासघात न करें।
सेक्स को हथियार या बहाना ना बनायें
जब आप अपनी बात कहने के महत्व को समझेंगे तो ये भी समझ लें की प्यार के रिश्ते में सेक्स का बड़ा रोल होता है इसलिए उसके लिए स्पष्ट हां और ना कहना सीखने के साथ ही उस पर काम करना और वक्त देना जरूरी है। दो में से एक पार्टनर की भी इच्छा या सहमति ना होने पर उसे साफ कहना और स्वीकार करना जरूरी है। साथ ही ये भी जरूरी है कि ये बात शालीन और प्यार भरे तरीके की जाए। उसे रुटीन या मजबूरी समझ कर ना निभायें बल्कि उसके लिए माहौल और जरूरत का ख्याल रखें। निपटायें नहीं एक दूसरे का साथ इंज्वॉय करें।

Posted By: Molly Seth