सच ही कहा जाता है कि टैलेंट दिखाने के लिए किसी उम्र की जरूरत नहीं पड़ती है। यह बात सच कर दिखाई है गुजरात के 7 साल के धुआंधार बल्‍लेबाज वसु लुक्‍का ने। वसु इसका वर्तमान उदाहरण है। उनकी धुआंधार बल्‍लेबाजी से सिर्फ क्रिकेट कोच प्‍लेयर्स ही नहीं बल्‍कि उन्‍हें प्रजेंट करने वाले स्‍पॉन्‍सर भी काफी शॉक्‍ड हैं।


लगातार धुंआधार बल्लेबाजीमहज अभी 4 फुट लंबाई वाले वसु लुक्का गुजरात में क्रिकेट के ऑल राउंडर के रूप में देखे जाते हैं। वह भी उस उम्र में जब उनकी उम्र के लड़के महज बैट को हाथ से उठाना सीखते हैं। उनसे दोगुने उम्र तक बच्चे ठीक से बल्ला चलाना सीखते हैं। ऐसे में हाल ही में वसु लुक्का की बल्लेबाजी वाला वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है। जिसे लोग देखकर शॉक्ड हो रहे हैं। वसु इसमें लगातार धुंआधार बल्लेबाजी कर रहे हैं। जो शायद इस उम्र के बच्चे सपने में भी नहीं सोच सकते हैं। उनका यह टैलेंट देखकर क्रिकेट जगत में भागीदारी करने वाली बड़ी बड़ी कंपनियां शॉक्ड हो रही हैं। वे खुद से आगे बढ़कर इसकी स्पॉन्सर बनना चाहती हैं। एक बड़ा क्रिकेटर बनेगा
वहीं इस संबंध में वसु का आईसीसी से कहना है कि वह जब अपने पिता के साथ मैच देखा करते थे तो उनसे हमेशा एक क्रिकेट किट खरीदकर देने की डिमांड करते थे।आज उनका टैलेंट इतनी कम उम्र में इतनी तेजी से सामने आ गया है। वहीं वसु के पिता अमित को अपने बेटे से काफी उम्मीदें हैं। उनकाक उनका कहना है कि हर दिन वह उसके साथ प्रैक्िटस पर जाते हैं। वह उसे प्रैक्टिस करते हुए देखते और उसमें जो कमियां होती हैं उन्हें सुधारने का प्रयास करते हैं। जिससे उन्हें भरोसा है कि उनका बेटा एक दिन एक बड़ा क्रिकेटर बनेगा। इसके साथ ही उनका कहना है कि एक बड़े बिजनेस मैन ने भी उनसे इस बात का जिक्र किया था कि वह अगर ठीक से प्रैक्टिस करेगा तो एक दिन सफल होगा।महेंद्र सिंह धोनी का फैनवसु लुक्का आज गुजरात के पोरबंदर में एक किक्रेट क्लब को प्रजेंट करते हैं। 22 नंबर की जर्सी व हेलमेट पहने वसु को लेकर उम्मीदें जताई जा रहीं हैं कि वह एक दिन इंटरनेशनल लेवल पर खेलेंगे। सबसे खास बात तो यह है यह धुंआधार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली जैसे क्रिकेटरों का फैन नहीं है। वह भारतीय टीम के किक्रेटर महेंद्र सिंह धोनी का बड़ा फैन हैं। कक्षा तीन में पढ़ने वाले वसु लुक्का कहना है कि अभी हाल ही में उनकी क्रिकेट एकेडमी ने एक टूर्नामेंट जीता था। जिसमें फाइनल ओवर में वह 3 रन से जीते। उनका कहना है कि पहले उन्हें फास्ट बॉलर से डर लगता था लेकिन अब ऐसा नहीं हैं।

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Posted By: Shweta Mishra