यूपी में बरेली में सबसे ज्यादा बच्चे कुपोषण का शिकार

5700 बच्चों की हालत सबसे ज्यादा खराब

साढ़े तीन लाख बच्चों के वेट में आयी सामने बात

BAREILLY: बरेली प्रदेश का सबसे कुपोषित डिस्ट्रिक्ट है। यहां साढ़े तीन लाख में 7भ् हजार सात सौ बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, जिनमें भ्700 बच्चों की हालत अति गंभीर है। कुपोषण के ये आंकड़े न सिर्फ चौंकाने वाले हैं। बल्कि, बेहद चिंताजनक भी है। हालांकि, रिपोर्ट के बाद होश में आया एडमिनिस्ट्रेशन एक्टिव मोड में आ गया है। इस क्रम में राज्य पोषण मिशन के साथ डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने लेवल पर बच्चों को कुपोषण मुक्त कराने की प्लानिंग की है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बच्चों के लिए अलग से न्यूट्रीशन रिहेबिलीटेशन सेंटर के साथ एक प्राइवेट मेडिकल कालेज में न्यूट्रीशन रिहेबिलीटेशन सेंटर बनाया गया है। अन्य मेडिकल कालेज व डॉक्टरों से भी गांवों को गोद लेने की डीएम ने अपील की है। वेडनसडे को डीएम संजय कुमार ने सीडीओ, सीएमओ और डीपीओ के साथ मिलकर न्यूट्रीशन किट वितरित कर मिशन की शुरूआत की गई।

भ्0 फीसदी से भ्ाी कम वजन

डीएम संजय कुमार ने बताया कि बरेली डिस्ट्रिक्ट में टोटल ख्8भ्7 आंगनवाड़ी सेंटर पर भ् साल तक के बच्चों का वजन कराया गया। कुल साढ़े फ् लाख बच्चों का वजन कराया गया जिसमें से 70 हजार बच्चों का वजन कम पाया गया। इनमें से भ्700 बच्चे ऐसे हैं जिनका वजह भ्0 फीसदी से भी कम है। जिन सेंटर पर भ् या उससे अधिक बच्चे ज्यादा कम वजन वाले मिले हैं ऐसे फ्भ्0 आंगनबाड़ी सेंटर्स हैं।

सभी से सहयोग की अपील

जिन फ्भ्0 सेंटर्स पर ज्यादा कुपोषण के शिकार बच्चे मिले हैं वहां पर अभियान चलाया जाएगा। इन गांवों में पम्फलेट, लीफलेट के माध्यम से अवेयरनेस प्रोग्राम चलाया जाएगा। अधिकारियों के साथ-साथ जन प्रतिनिधियों से भी गांव गोद लेने की रिक्वेस्ट की गई है। स्वंयसेवी संस्थाएं, व्यापार मंडल, उद्योग बंधु, व चीनी मिल वाले भी गांव गोद ले सकते हैं।

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में न्यूट्रीशन रिहेबिलिटेश्ान सेंटर्स

गंभीर रूप से कुपोषण बच्चों को हेल्थ में सुधार लाने के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में क्0 बच्चों का पोषण पुनर्वास केंद्र के नाम से स्पेशल वार्ड बनाया जा रहा है। इस वार्ड में तीन महीने तक बच्चों की देखरेख की जाएगी। प्रत्येक वीक बच्चों का वेट नापा जाएगा। बच्चों के पोषण की सारी व्यवस्था भी होगी। प्रति बच्चे के मां-बाप को क्00 रुपये और भोजन की भी व्यवस्था की जाएगी। गांवों में भी हेल्थ कैंप आयोजित किए जाएंगे। सभी भ्700 बच्चों की वीकली और मंथली रिपोर्ट कार्ड भी तैयार की जाएगी। इसके लिए शिशु प्रतिरक्षण, संदर्भन एंव निगरानी कार्ड यानि फालोअप कार्ड भी दिया जाएगा। इस कार्ड में बच्चे का प्रति वीक वजन के साथ-साथ उसके टीकाकरण की भी पूरी डिटेल फिलअप होगी।

प्राइवेट मेडिकल कालेज भी शामिल

बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए प्राइवेट मेडिकल कालेज की भी हेल्प ली जा रही है। पीलीभीत रोड स्थित एक प्राइवेट मेडिकल कालेज में फ्0 बच्चों का ऐसा स्पेशल वार्ड बनाया गया है। सीएमओ ने बताया कि नैनीताल रोड स्थित दो प्राइवेट मेडिकल कालेज ने भी वार्ड बनाने के लिए हामी भर दी है। इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट के सारे पीडियाट्रीशियन, फिजीशियन व आईएमए के डॉक्टरों साथ मीटिंग की जाएगी। इन सभी से भी गांव गोद लेने की रिक्वेस्ट की गई है। डिस्ट्रिक्ट में 70 पीडियाट्रीशियन हैं।

पेस्ट के रूप में दी जाएगी पोषण किट

बच्चों की सेहत में सुधार के लिए स्पेशल न्यूट्रीशन किट भी देने की शुरुआत की गई है। इसमें मूंगफली, गुड़, परमल और चना का मिश्रण है। प्रशासन ने एक प्राइवेट कंपनी से भी संपर्क किया है। इस कंपनी से न्यूट्रिशन किट का मिक्सचर पेस्ट के रूप में बनाया जाएगा। इसे टेस्टी बनाया जाएगा ताकि बच्चे इसे अच्छे से खा सकें। क्0 से क्भ् दिनों मे इसका सैंपल भी तैयार होकर आ जाएगा फिर इसे सभी आंगनवाड़ी केंद्रो में भेज दिया जाएगा। सभी सीडीपीओ और सुपरवाइजर इनकी निगरानी रखेंगे।

कई सुविधाएं भी एक साथ

डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने कुपोषित बच्चों के साथ-साथ उनकी फैमिली के लिए भी कई सुविधाएं एक साथ देने की प्लानिंग की है। इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों के परिवारों को मनरेगा के तहत क्00 दिन का रोजगार और आवास भी दिलाया जाएगा। पंचायती राज विभाग द्वारा उनके घरों में टायलेट बनवाए जाएंगे। जल निगम द्वारा स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। खाद्य व आपूर्ति विभाग द्वारा बीपीएल या अंत्योदय राशन कार्ड दिए जाएंगे। इसके अलावा शिक्षा विभाग के द्वारा उनकी बेटियों के शिक्षा दिलायी जाएगी।

गलत रिपोर्ट पर दर्ज होगी एफआईआर

इतने बड़े पैमाने पर कुपोषण बच्चों पर डीएम ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने माना कि कहीं न कहीं गड़बडि़यां जरूर हैं। इसके लिए अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए जाएंगे। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और एएनएम की स्पेशल वर्कशाप भी आयोजित की जाएंगी। नामित अधिकारियों द्वारा पोषण किट वितरित की जा रही है या नहीं और समय पर सही वजन कर रिपोर्ट कार्ड सही तैयार हो रहा है या नहीं इसका वैरीफिकेशन करेंगे। जिन आंगनबाड़ी सेंटर्स के बच्चों में सुधार नहीं पाया गया तो समझो सही से काम नहीं किया गया। ऐसे आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों और उनके सुपरवाइजर को सस्पेंड कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

मेडिकल कालेज के स्टूडेंट तैयार करेंगे स्टडी

कुपोषण बच्चों की देखरेख के लिए सरकारी महकमें के साथ-साथ प्राइवेट मेडिकल कालेजेज के स्टूडेंट्स को भी जिम्मेदारी दी जाएगी। स्टूडेंट के द्वारा स्टडी कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उनके द्वारा जो भी फाइंडिंग आयेगी उससे रिसर्च पेपर तैयार कर गवर्नमेंट को भेजा जाएगा।

आंकड़े में गड़बड़ी का अंदेशा

बरेली में सबसे ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार पाए गए हैं लेकिन इस आंकड़े पर अभी भी संदेह है। सीडीओ शिवसहाय अवस्थी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सुपरवाइजर द्वारा सही वेट न कर गलत रिपोर्ट तैयार करने की गड़बड़ी पायी है। उनका कहना है कि कुछ गांवों में जाकर बच्चों का वजन कराया गया तो उनमें ख्भ्0 ग्राम से भी ज्यादा का अंतर पाया गया है। रजिस्टर में वेट भी गलत इंटर मिला। कई आंगनबाड़ी सेंटर्स पर वेट और ग्रोथ रजिस्टर भी नहीं मिला। ऐसा सुपरवाइजर्स द्वारा कराया गया क्योंकि उनके सेंटर्स पर बच्चों का आंकड़ा ज्यादा जा रहा था। डीएम ने इसके लिए सीडीपीओ के साथ-साथ गोद लिए गए अधिकारियों को सही रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। यही नहीं आंगनबाड़ी सेंटर्स पर मीटिंग के मिनट्स तैयार करने होंगे। अच्छे काम करने वालों को प्राइज भी दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive