- 7 वें वेतन आयोग की विसंगति दूर करने की मांग को लेकर हड़ताल

- डॉक्टरों ने भी हड़ताल में किया सहयोग, मरीजों हुए परेशान

Meerut। कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर राजकीय नर्सेस संघ व प्रांतीय डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के नेतृत्व में मंगलवार को नर्स और फार्मासिस्ट हड़ताल पर रहे। फार्मासिस्ट व नर्सो ने सीएमएस ऑफिस में तोड़फोड़ की। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने बमुश्किल स्थिति को संभाला। 7वें वेतन आयोग की विसंगति को दूर करने की मांग को लेकर फार्मसिस्ट मंगलवार को हड़ताल पर थे।

डॉक्टर्स का भी समर्थन

फार्मासिस्ट और नर्सो की हड़ताल का डॉक्टरों ने भी समर्थन दिया। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोई भी डॉक्टर अपनी सीट पर नहीं था। डॉक्टरों की सीटे खाली पड़ी हुई थी। कमरे के बाहर मरीज जरूर थे।

मरीजों को हुई परेशान

हड़ताल के कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इलाज के लिए मरीज इधर-उधर भटकते रहे। कई मरीजों ने हड़ताल को खत्म कर दवाई देने का आग्रह किया। लेकिन फार्मासिस्ट और नर्सो का दिल नहीं पसीजा।

दस सूत्रीय मांगे

फार्मासिस्ट व नर्सेस की मांग है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने, पदोन्नति रिक्त पदों भी भर्ती, दस वर्षो की सेवा पर राजपत्रित अधिकारी घोषित किया जाए सहित दस सूत्रीय मांग हैं।

वर्जन

मेरे बेटे को बंदर ने काट लिया था। इसका इंजेक्शन लगवाने के लिए आया था। हड़ताल के चलते कोई भी डॉक्टर इंजेक्शन लगाने को तैयार नहीं है। इतने पैसे नहीं है कि बाजार में जाकर प्राइवेट डॉक्टर से इंजेक्शन लगवा सकें। बहुत परेशानी हो रही है।

मोबिन मरीज का पिता

सुबह से बैठे है मुझे बुखार है। कोई भी डॉक्टर नहीं है। बहुत मुश्किल से अस्पताल तक आएं है। बता रहे हैं कि हड़ताल पर हैं। अब इलाज कराने के लिए कहां पर जाएं। मेडिकल जाने में समय बहुत लगेगा। चला भी नहीं जा रहा।

फरजाना मरीज

सुबह से बेटा बेड नंबर 12 पर लेटा है। कोई भी डॉक्टर पर्चे पर साइन करने को तैयार नहीं है। जिससे उसका इलाज हो सके। बेटे को बहुत तेज बुखार हो रहा है। बुखार के कारण उसका पूरा शरीर तप रहा है। दवाई भी यहां पर नहीं है।

ग्यासुद्दीन मरीज का पिता

Posted By: Inextlive