- सात साल में ग्रामीण अंचल के ढीले तारों को कसने के नाम पर बिजली विभाग ने खर्च कर डाले 80 लाख

- फिर भी लटकते-झूलते तारों से तबाह हो रहे ग्रामीणों के सपने

GORAKHPUR: बिजली विभाग का दावा है कि पिछले सात साल में उसने ग्रामीण इलाकों के झूलते तारों को कसने में 80 लाख रुपए खर्च कर डाले हैं। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि शॉर्ट सर्किट से फसलें तबाह न हों। विभाग के इस दावे से इतर हर साल ग्रामीणों के सपने तार-तार हो रहे हैं। सिर्फ इसी साल अब तक हजारों एकड़ फसल स्वाहा हो चुकी है। इसमें भी अधिकतर जगहों पर फसलों में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट ही है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर वो 80 लाख रुपए कहां खर्च कर दिए गए?

इस साल भी लाखों खर्च

बिजली विभाग में कोई योजना न होने के कारण तारों को कसने की पूरी जिम्मेदारी एरिया के जेई की होती है। इन जेई को ढीले तारों की रिपोर्ट लाइनमैन और पब्लिक देती है। बिजली विभाग के एकाउंट विभाग की मानें तो 2009 से लेकर अभी तक ग्रामीण अंचल के तारों को कसने के लिए 80 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। इसमें इस साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो दो से तीन लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। गोरखपुर जोन के चीफ इंजीनियर डीके सिंह ने बताया कि ढीले तार की सूचना मिलने के बाद जेई इस्टीमेट बनाता है और तारों को कसता है। ग्रामीण विद्युत वितरण निगम ऑफिस में तैनात एक कर्मचारी ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि पिछले तीन माह से 10 अवर अभियंताओं ने तार कसने के लिए इस्टीमेट बनाकर कार्य किया है, जबकि अन्य एरिया के अभियंताओं ने अभी तक कोई भी इस्टीमेट विभाग को नहीं दिया है।

कोई योजना नहीं

बिजली विभाग के पास ढीले तारों को कसने के लिए कोई योजना नहीं है। गोरखपुर जोन के चीफ इंजीनियर डीके सिंह का कहना है कि बिजली विभाग पूरे साल तारों के कसने का कार्य करता है। विभाग के पास कोई विशेष योजना नहीं है, जिसमें अभियान चलाकर तारों को कसने का कार्य नहीं किया जाता है। पब्लिक के कंप्लेन पर एरिया के जेई और लाइनमैन तारों को कसते हैं। पिछले एक साल में अभी तक दो से तीन लाख रुपए का खर्च हो चुका है। यह पैसा योजना के तहत खर्च नहीं हुआ है, बल्कि सभी अभियंताओं ने अपने-अपने एरिया में तारों को कसने पर खर्च हुआ है।

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बिजली काटकर रोकेंगे तबाही

ग्रामीण अंचल में बिजली के शार्ट सर्किट के कारण लगातार हो रही आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए विभाग ने नायाब कदम उठाया है। ढीले तारों को कसने में हुई लापरवाही छुपाने के लिए तय किया गया है कि अब ग्रामीण अंचल में सुबह 8 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक बिजली सप्लाई नहीं होगी। यह आदेश मंगलवार ग्रामीण विद्युत वितरण निगम के एसई अजय कुमार श्रीवास्तव ने जिले के सभी सब स्टेशनों को जारी किया है। उन्होंने कहा कि लगातार शिकायत मिल रही थी कि शॉर्ट सर्किट के कारण खेतों में आग लग रही है। इसलिए यह कदम उठाया जा रहा है।

योजना नहीं है, बल्कि पब्लिक के कंप्लेन पर तारों को कसने पर खर्च होता है। इस साल भी उसी तरह से खर्च हुआ है। जिले में आग लगी है, इसकी जांच करने के बाद ही पता चलेगा कि किस कारण से आग लगी थी।

डीके सिंह, चीफ इंजीनियर गोरखपुर जोन

Posted By: Inextlive