RANCHI: राज्य के 88 एनजीओ खुफिया विभाग के रडार पर हैं। इन संस्थाओं पर विदेशी फंड लेकर राज्य में सरकार विरोधी मुहिम चलाने का आरोप है। जांच अधिकारियों को जानकारी मिली है कि इन सभी एनजीओ के द्वारा एक मुहिम के तौर पर धर्मातरण का कार्य किया जा रहा है। एफसीआरए यानि विदेशी फंड लेने के योग्य ऐसे 88 एनजीओ जो इस मुहिम में लगे हैं। उनके इस कारनामे की रिपोर्ट राज्य सरकार की खुफिया विभाग ने सरकार को इसी हफ्ते सौंपी है। रिपोर्ट में विदेशी फंड पाने वाली इन एनजीओ को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। पहली 7.50 करोड़ से 39 करोड़ तक सालाना पाने वाली 11 एनजीओ, दूसरी 1.84 करोड़ से 7.50 करोड़ पाने वाली 20 एनजीओ जबकि तीसरी 1.84 करोड़ से कम का फंड पाने वाली 58 एनजीओ शामिल हैं।

कैसे हो रहा धर्मातरण

खुफिया विभाग की रिपोर्ट में जिक्र है कि एफसीआरए के तहत रजिस्टर्ड संस्थाओं के द्वारा विभिन्न जिलों में निजी अस्पताल, स्कूल और शेल्टर होम चलाए जा रहे हैं। इन एनजीओ के द्वारा आदिवासी लड़कियों को नर्स की ट्रेनिंग दिलाकर मिशनरी बनने के लिए दबाव डाला जा रहा है। कई संस्थाओं द्वारा भोले भाले लोगों को प्रलोभन देकर भी धर्मातरण के लिए प्रेशर बनाया जा रहा है।

सरकार विरोधी मुहिम में लग रहा पैसा

रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि एफसीआरए के तहत प्राप्त राशि का यूज सरकार विरोधी रैली, धरना प्रदर्शन में भी किय जा रहा है। खुफिया विभाग ने सरकार से अनुसंशा की है कि इन संस्थाओं का निबंधन विभाग या महालेखाकार कार्यालय से विशेष ऑडिट कराया जा सकता है। गलतियां पाए जाने पर भारत सरकार से एफसीआरए रद्द करने की अनुसंशा भी की जा सकती है। एफसीआरए रद होने पर ये संस्थाएं बाहर से फंड नहीं ले पाएंगी। सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इनमें से कई संस्थाओं के खिलाफ उड़ीसा पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है।

Posted By: Inextlive