सहारनपुर और कुशीनगर में जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच करने गईं आबकारी टीमों ने रविवार को अपनी रिपोर्ट दे दी। वहीं सहारनपुर में जहरीली शराब से 88 लोगों की मौत के बाद विपक्ष का हमला तेज हो गया है।

- बढ़ता गया अवैध शराब का सिंडीकेट, दफन होती गयीं जांच रिपोर्ट
- यूपी में बीते दस सालों में अवैध शराब से 450 से ज्यादा मौतें
- मजिस्ट्रीरियल जांच के बाद ठंडे बस्ते में चली जाती है रिपोर्ट
- सहारनपुर में 88 मौतों के बाद विपक्ष ने भी हमला किया तेज

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LUCKNOW: सहारनपुर में जहरीली शराब से 88 लोगों की मौत के बाद यह सवाल मौजू होता जा रहा है कि आखिरकार तमाम कवायदों के बाद भी सूबे में अवैध शराब के सिंडीकेट को खत्म क्यों नहीं किया जा सका। इसकी वजह जानने के लिए दस साल पुराने शराब से हुई मौतों के मामलों पर नजर डालें तो पता चलता है कि हर मामले की जांच रिपोर्ट दबाई जाती रही। नतीजतन सूबे के अलग-अलग जिलों में अवैध शराब से होने वाली मौतों का तांडव जारी रहा। बीते दस सालों में अवैध शराब से 450 से ज्यादा लोग मौत के मुंह में समा गये पर किसी भी बड़े अफसर पर कभी गाज नहीं गिरी। सहारनपुर कांड के बाद एक बार फिर सरकारी मशीनरी अवैध शराब के कारोबारियों पर कहर बनकर टूट पड़ी है लेकिन यह सख्ती कितने दिनों तक बरकरार रहेगी, यह देखना बाकी है।

जांच टीमों ने सौंपी रिपोर्ट

सहारनपुर और कुशीनगर में जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच करने गईं आबकारी टीमों ने रविवार को अपनी रिपोर्ट दे दी। इसमें पड़ोसी राज्यों से शराब मंगाने की पुष्टि की गई थी। वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर चलाये गए विशेष अभियान में दो दिनों के भीतर प्रदेश में 880 मुकदमे दर्ज कराये गए हैैं। अब तक 45 हजार लीटर अवैध शराब बरामद की गई है। आबकारी आयुक्त धीरज साहू ने संयुक्त आबकारी आयुक्त एके शुक्ल और उप आबकारी आयुक्त आरसी मिश्रा को पूरे मामले की जांच के लिए सहारनपुर भेजा था। इसी तरह संयुक्त आबकारी आयुक्त जीसी मिश्र और उप आबकारी आयुक्त भुआलजी सिंह कुशीनगर भेजे गए थे। दोनों टीमों ने प्रभावित लोगों से बात करके रिपोर्ट दी है जिसमें जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में शराब के रुड़की से सहारनपुर आने की रिपोर्ट पर मुहर लगाई गयी है। वहीं कुशीनगर की जांच टीम ने रिपोर्ट में बताया कि वहां गोपालगंज (बिहार) से शराब लाई गई थी।

सीओ को किया लाइनहाजिर

सहारनपुर और कुशीनगर में बीते चार दिनों के भीतर करीब सौ लोगों की मौत के मामले में दो दर्जन से ज्यादा पुलिस और आबकारी विभाग के अफसर और कर्मचारी सस्पेंड किये जा चुके है। रविवार को एसपी कुशीनगर राजीव नारायण मिश्र ने सीओ तमकुहीराज रामकृष्ण तिवारी को भी लाइन हाजिर कर दिया। उनकी जगह सीओ सदर नीतेश प्रताप ङ्क्षसह को तमकुहीराज का सीओ बनाया गया है। इससे पहले करीब 50 अन्य पुलिसकर्मियों को भी लाइनहाजिर किया गया है। वहीं शनिवार को शासन के निर्देश पर कमिश्नर अमित गुप्त व आईजी जय नारायण ङ्क्षसह ने कुशीनगर का दौरा कर घटना की जानकारी ली। इसी तरह सहारनपुर में भी वरिष्ठ अफसरों ने जांच की है जिसकी रिपोर्ट रविवार शाम तक शासन को भेजी जानी है।
मंत्री ने स्थगित की प्रेस कांफ्रेंस
वहीं दूसरी ओर जहरीली शराब से हुई मौतों पर रविवार को मीडिया से मुखातिब होने जा रहे आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने अचानक प्रेस कांफ्रेंस टाल दी। ध्यान रहे कि शनिवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने स्वीकारा था कि विभागीय अधिकारियों की चूक की वजह से यह घटना हुई है। यदि बार्डर एरिया में मुस्तैदी दिखाई जाती तो इसे टाला जा सकता था।
मायावती ने सीबीआई जांच की मांग की
सहारनपुर में जहरीली शराब से हुई तमाम मौतों के बाद कांगे्रस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने दोनों राज्यों की भाजपा सरकार पर हमला बोला तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने घटना की जांच सीबीआई से कराने और निष्पक्ष जांच के लिए दोनों राज्यों के आबकारी मंत्रियों को हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विफल साबित हुई है। वह केवल कुछ कर्मचारियों को निलंबित करके अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है। वहीं दूसरी ओर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में नकली शराब का धंधा सत्तारूढ़ दल के संरक्षण में पनप रहा है। लोग मर रहे हैं पर सरकार कहती है कि लोग और ज्यादा शराब पिएं। उसे लोगों की जिंदगी की नहीं, ज्यादा से ज्यादा राजस्व वसूली की फिक्र है।
फैक्ट फाइल
- 01 अप्रैल, 2018 से 29 जनवरी तक 31800 मुकदमे दर्ज
- 11 हजार अवैध शराब के तस्करों को गिरफ्तार किया गया
- 27 फीसद देसी शराब की बढ़ी खपत, अवैध शराब पर सख्ती वजह
- 880 मुकदमे बीते दो दिन से चले अभियान में किए गये दर्ज
- 45 हजार लीटर से ज्यादा अवैध शराब दो दिन में की गयी नष्ट
बीते दस सालों में अवैध शराब से हुई मौतें
2008- 16
2009- 53
2010- 82
2011- 13
2012- 18
2013- 52
2014- 05
2015- 59
2016- 41
2017- 18
2018- 17
2019- 97

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Posted By: Shweta Mishra