- किसानों के सामने फसलों की सिंचाई का गहरा संकट छाया

- शासन ने बोरिंग पर लगाई रोक, जलदोहन अधिक होने से आई ये नौबत

FATEHPUR:

धरती की सूखती गागर से जिले की स्थिति और भी भयावह हो गई है। जलदोहन अधिक होने से भू-गर्भ का जलस्तर नीचे गिरता ही जा रहा है। जिससे जिले के क्फ् में 9 ब्लाकों को डार्कजोन घोषित कर दिया है। इन ब्लाकों के किसानों के नलकूपों के बिजली कनेक्शन पर भी रोक लगा दी गई, इससे ख्ख्00 किसानों के नलकूपों कनेक्शन की प्रक्रिया रूक गई है।

भू-गर्भ विभाग की हाल ही कि रिपोर्ट में जिले के पांच और ब्लाकों को डार्क जोन की श्रेणी में शामिल कर लिया गया। इन ब्लाकों में 80 से क्00 फिट नीचे जल स्तर चला गया है। शासन ने तत्काल प्रभाव से डार्क जोन के ब्लाकों में बोरिंग व नलकूप बिजली कनेक्शन पर रोक लगा दी है।

भू-गर्भ का जलस्तर नीचे खिसकने से वर्ष ख्0क्क् में जिले के अमौली, मलवां, हसवा व हथगाम को डार्क जोन घोषित किया गया था। पांच ब्लाकों को खतरे का संकेत देकर विभाग ने सेमी क्रिटिकल घोषित किया था। जल स्तर बढ़ाने के लिए नदी व नालों में चेकडैम निर्माण, तालाब खुदाई जैसे कार्यो में करोड़ों की पूंजी खपा दी गई। मुहिम तो यह थी कि डार्क जोन घोषित चार ब्लाकों को जल स्तर बढ़ा कर डार्क से मुक्त करा लिया जाए। नवंबर माह में भू-गर्भ विभाग की चौकाने वाली रिपोर्ट यह आई कि जिले पांच और ब्लाक डार्क जोन घोषित कर दिए गए।

लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुभाष वर्मा ने बताया कि जल स्तर नीचे चले जाने से विकास खंड धाता, ऐरायां, तेलियानी, भिटौरा व बहुआ को डार्क जोन घोषित कर दिया गया है। इस तरह से अब जिले का दो तिहाई भू-भाग क्रिटिकल श्रेणी में आ गया है। शासन ने तत्काल प्रभाव से सभी नौ ब्लाकों में गहरी, मध्यम बोरिंग एवं नलकूपों के बिजली कनेक्शन रोक लगा दी है। तेरह ब्लाकों में नौ ब्लॉक डार्क हो जाने से अब केवल खजुहा, देवमई, असोथर व विजईपुर ब्लाक ही जलस्तर के मानक पर सुरक्षित बचे हैं। बोरिंग का जो लक्ष्य बचा है, चार ब्लाकों के किसानों को ही इसका लाभ मिल पाएगा।

रिचार्जिग योजना की कवायद तेज

प्रमुख सचिव लघु सिंचाई ने डार्क जोन ब्लाकों का जल स्तर बढ़ाने के लिए वाटर रिचार्जिग की योजना तैयार करने के निर्देश दिए है। विभाग के अवर अभियंता ने बताया कि जलस्तर बढ़ाने के लिए चेक डैम सहित 7ख् तालाबों के सुंदरीकरण की कार्ययोजना तैयार कर शासन को भेजी गई है। उन्होंने कहा कि जो तालाब सूखे पड़े हैं, उनमें पूरे साल पानी रहे इसका इंतजाम कर वाटर रिचार्जिग के प्रयास किए जाएंगे।

सिंचाई का हाल और होगा बेहाल

चार ब्लाकों में बोरिंग पर रोक लगी होने से किसान सिंचाई के लिए हायतौबा कर रहे थे। नौ और ब्लाक शामिल हो जाने से सिंचाई के हाल पूरी तरह से बेहाल हो गए हैं। बोरिंग न होने से किसानों को पहले से लगे नलकूपों व नहर पर ही आश्रित रहना होगा। भाकियू के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह गौतम ने कहा कि बोरिंग पर रोक लग जाने से सिंचाई का संकट गहराएगा। ऐसी स्थिति में किसान फसलों की सिंचाई कैसे कर पाएंगे।

किसानों का म् करोड़ जमा

बिजली कनेक्शन लेने के लिए डार्कजोन ब्लाकों के किसान भटक रहे हैं। इनका म् करोड़ रुपया विद्युत विभाग के खाते में जमा हो गया है, लेकिन डार्कजोन घोषित होने से इन्हें कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। किसान इसके लिए विभागीय अधिकारियों के चक्कर लगाते रहते हैं। अब तो किसान निराश हो गए हैं और जमा शुल्क की वापसी भी मांगने लगे हैं। मामले पर अधीक्षण अभियंता विद्युत रत्‍‌नेश कुमार का कहना था कि मामले की जांच कराई जाएगी और किसानों को उनकी राशि लौटाई जाएगी।

Posted By: Inextlive