-पांच साल से है बकाया, नहीं जमा कर रहे लाइसेंस शुल्क

-प्रति वर्ष 500 जुर्माने के साथ करना होगा भुगतान

शहरी क्षेत्र में बने 996 अस्पतालों ने पांच साल से नगर निगम को लाइसेंस शुल्क न देकर खुद के लिए झमेला पैदा कर लिया है. इनके बकाये की अदायगी न होने से नगर निगम को राजस्व का काफी लॉस हुआ है. जिसकी भरपाई अस्पताल प्रबंधन को करना होगा. नाराज नगर निगम ने इन सभी अस्पतालों को नोटिस जारी किया है. अब इन्हें प्रति वर्ष पांच सौ रुपये जुर्माना के हिसाब से लाइसेंस शुल्क अदा करना होगा.

पांच साल से नहीं जमा किया शुल्क

नगर निगम के नियम-अधिनियम के अनुसार शहरी सीमा के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों, स्कूल, कॉलेज, नर्सिग होम, पैथालॉजी, अस्पताल आदि से सालाना लाइसेंस शुल्क वसूला जाता है. इसके लिए दो सौ से 10 हजार रुपये तक लाइसेंस शुल्क निर्धारित किया गया है. बीते पांच साल से प्राइवेट अस्पताल, नर्सिग होम, पैथालॉजी सेंटर यह शुल्क जमा नहीं कर रहे हैं. दो माह पूर्व नगर निगम प्रशासन की ओर से शहरी क्षेत्र के 15 हजार प्रतिष्ठानों को नोटिस दी गई है.

2014 से 2019 तक के शुल्क

नगर निगम के कम्प्यूटर कोऑर्डिनेटर संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि इन प्राइवेट अस्पतालों से अब 500 रुपये सालाना जुर्माना लगाकर लाइसेंस शुल्क वसूल किया जाएगा. बताया कि इन अस्पतालों के लाइसेंस शुल्क को जमा कराने के लिए आईएमए अध्यक्ष डॉ.भानू शंकर पांडेय ने पहल की है. इसके लिए 8, 9 और 10 अप्रैल को चेतगंज के आईएमए भवन में एक शिविर लगाया जाएगा. शिविर में एक अप्रैल 2014 से लेकर 2019-20 के लाइसेंस शुल्क मय जुर्माना जमा कराए जाएंगे. नगर निगम ने संचालकों की सहूलियत के लिए जुर्माना शुल्क प्रति वर्ष पांच हजार से घटाकर पांच सौ रुपये कर दिया है.

Posted By: Vivek Srivastava