आपने कई विचित्र बीमारियों के बारे में सुना होगा पर आज हम जिस के बारे में बात कर रहे हैं आप उस बिमारी के बारे में जान कर हैरान रह जायेंगे। ये बीमारी बेकविथ वाइडमैन सिंड्रोम नाम से जानी जाती है और इसमें शरीर का विकास बिना किसी तालमेल के होता है। यानि इंसान के श्‍ारीर का आधा हिस्‍सा दूसरे आधे हिस्‍से के बराबर नहीं होता है। लिली माई क्‍वीन नाम की एक बच्‍ची इससे ग्रस्‍त है।

समान अनुपात में नहीं होता विकास
लिली माई क्वीन को बेकविथ वाइडमैन सिंड्रोम नाम की बीमारी है इस बीमारी के चलते उसका शरीर का आधा हिस्सा दूसरे आधे शरीर से बड़ा है। यानि उसका दाया हाथ बायें हाथ से बड़ा है जबकि दायें पैर और बायें पैर के आकार में भी करीब 3 सेंटीमीटर का फर्क है। उसकी आधी जीभ लंबी है। वैसे तो उसे ये रोग जन्म जात है लेकिन उसका सही अंदाज उसकी मां को उसके करीब एक साल के होने पर हुआ। लिली की मां ने बताया की उसकी लंबाई भी उसकी उम्र के हिसाब से काफी ज्यादा है वो अपने से 13 महीने बड़े भाई से भी लंबी है।

कैंसर सहित और कई समस्यायें हें लिली के साथ
सबसे पहले तो उसकी बीमारी होने के बाद विशेषज्ञों को डर था कि वो चाइल्डहुड कैंसर का शिकार ना हो जाये। फिल्हाल वो ठीक है पर उसकी जांच लगाता चल रही है। इसके अलावा उसे अपनी जीभ के समान अनुपात में ना होने के कारण बोलने में काफी दिक्कतें आती हैं। इसके अलावा उसके पास जूतों को लेकर भी समस्या है जो बाजार से दो अलग अलग साइज के जूते लाने से हल नहीं होती। उसके लिए अस्पताल वालों ने विशेष जूते तैयार करवा कर दिये हें। जिनमें छोटे पैर के लिए उसके जूते में अंदरूनी पैडिंग की गयी है और उसके अंदर की ओर हील है ताकि लिली के दोनों पैरों की लंबाई चौड़ाई का संतुलन बना रहे और वो बार बार गिरे नहीं। आगे भी उसे ऐसे जूतों की जरूरत पड़ती रहेगी।

इस आसामान्य विकास के रुकने की आशा नहीं
लिली को अलग-अलग साइज के जूते पहनने पड़ते हैं। माना जा रहा है कि वो पूरी जिंदगी अब इसी तरह से बढ़ेगी। उसकी 24 वर्षीय मां बेकी ने बताया कि जब उनको पहली बार लिली के इस बीमारी से ग्रसित होने का पता चला, तो वे लोग काफी घबरा गए थे। उन्होंने इससे पहले कभी भी BWS बीमारी के बारे में नहीं सुना था। उन्हें यह भी नहीं पता है कि उसके शरीर की यह असमान्य वृद्धि कब रुकेगी। जब वह छोटी थी तभी से उसके एक अंग में कपड़े कभी फिट नहीं आते थे। उसका दायां हाथ भी बाएं हाथ से थोड़ा मोटा था। उसे बोतल से दूध पीने में भी परेशानी होती थी, इसलिए जब वह पांच महीने की थी, तभी से उसे कप से दूध पिलाना शुरू कर दिया गया था।

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Posted By: Molly Seth