इलाके के लोग कर रहे दावा, वन विभाग खामोश

बरेली: फतेहगंज पश्चिमी में मंडे रात वाहन से टकरा कर दिल्ली हाईवे पर तेंदुआ की मौत हो गई थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि शिकार की तलाश में रबड़ फैक्ट्री के जंगल से तेंदुआ बाहर आया होगा। हाईवे पर हादसे का शिकार हो गया। वन विभाग ने उसका शव पोस्टमार्टम के लिए आइवीआरआइ भेजा है। वहीं लोग रबड़ फैक्ट्री की झाडि़यों में एक और तेंदुआ छिपे होने का दावा कर रहे हैं। 1999 से बंद पड़ी रबड़ फैक्ट्री में लगभग 10 वषरें तक चोरों ने अपना कब्जा जमाया रखा। कीमती सामान चोरी हो जाने के बाद रबड़ फैक्ट्री में सन्नाटा छाया हुआ है। करीब दो सालों से उत्तराखंड के जंगलों से भटक कर तेंदुआ ने रबड़ फैक्ट्री की झाडि़यों में ठिकाना बना लिया। सैकड़ों एकड़ में बंद पड़ी फैक्ट्री में चारों ओर घास, पेड़ व झाडि़यां हैं। बड़ी संख्या में खतरनाक जानवर यहां रहते हैं। जंगली सुअर, हिरन, गीदड़, जहरीले सांप आदि अक्सर देखे जाते हैं।

विभाग ने नहीं दिया ध्यान

18 माह पहले इसी जंगल में बाघ भी भटक कर आ गया था। इलाके में दहशत फैलने के बाद वन विभाग की एक्सपर्ट टीम ने फैक्ट्री में महीनों डेरा डालकर बाघ को बेहोश कर पकड़ा था। छह माह पूर्व जंगली हाथी के जोड़ों ने भी रबड़ फैक्ट्री के जंगल में डेरा जमाया था। तेंदुआ एक साल से फैक्ट्री में मौजूद था। उसके पैरों के निशान आसपास के गांव के खेतों में अक्सर देखे गए लेकिन वन विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। वहीं क्षेत्र के लोग रबड़ फैक्ट्री में एक और तेंदुआ होने की आशंका जता रहे हैं। कहा जा रहा है कि जो तेंदुआ मर गया है व उसका साथी है।

Posted By: Inextlive