आगरा। दिव्य वाष्र्णेय अपहरणकांड के बाद पुलिस प्रशासन फेसबुक के माध्यम से अपनी छवि सुधारने में जुटी है। फिर से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को किसी अपहरण में सीधा हस्तक्षेप न करना पड़े, इसके लिए आला अफसरों ने सख्त और सूझ-बूझ भरी तरकीब निकाली है। पुलिस अब फेसबुक पर लापता बच्चों का डाटा अपलोड करेगी। अफसरों का दावा है कि सोशल मीडिया से लापता का सुराग जल्द मिल सकता है।

दिव्य अपहरणकांड के बाद पुलिस अलर्ट

दिव्य अपहरण सीएम की दिलचस्पी और सकुशल व इतनी जल्दी बरामदगी ने उन मां-बाप की उम्मीदों को भी जीवंत किया है, जो कई महीनों से अपने लापता बेटे-बेटियों के वापस आने की उम्मीद खो चुके हैं। अब उनको भी लगने लगा है कि उनके खोए हुए बेटे-बेटियां जल्द वापस लौट आएंगे। वह भी सीएम से किसी न किसी माध्यम से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बच्चे के लिए भी बस एक बार सीएम कुछ बोल दे। आगरा पुलिस भी इन बातों को समझ रही है। गुमशुदा बच्चों को लेकर अब तक पुलिस ने ढिलाई बरती है।

पुलिस के फेसबुक पेज पर मिलेगी अपडेट

लापता बच्चों की जानकारी के लिए पुलिस फेसबुक का सहारा लेगी। हालांकि एक साइट पर पहले ही डीसीआरबी डाटा अपलोड करती रही है। सभी थानों से अब तक की गुमशुदा बच्चों की जानकारी जुटाई जा रही है। थाना स्तर से उसका फोटो व जानकारी लेकर आगरा पुलिस के फेसबुक पेज पर शेयर किया जाएगा। सैकड़ों लोग उस पेज पर जुड़े हैं यदि किसी ने भी उन बच्चों को कहीं देखा होगा तो वह उस पर अपना कमेंट्स या जानकारी दे सकता है या फिर पुलिस से मिलकर बता सकता है। हालांकि गुमशुदा प्रकोष्ठ के अनुसार 43 बच्चे लापता हैं और 2006 से लेकर अब तक 103 बच्चों का कोई सुराग नहीं लग सका है।

दिव्य केस में रहा था दबाव

दिव्य अपहरणकांड में सोशल मीडिया पर तत्काल न्यूज वायरल होने लगी थी। कुछ मिनटों में ही सूबे के डीजीपी और मुख्यमंत्री तक ये खबर पहुंच गई। इधर, जब दिव्य अपहर्ताओं से छूटकर आया तो भी लाइमलाइट में रहा। लिहाजा इस तरह की खबरों को ज्यादा से ज्यादा वायरल करने का प्लान पुलिस ने बनाया है। सूत्रों का कहना है कि इस प्लान में सख्ती बरतने के पीछे शुक्रवार को मुख्यमंत्री के उस बयान का असर है, जिसमें उन्होंने सीधे अफसरों को हिदायत दी है।

Posted By: Inextlive