एक फारेस्ट ऑफीसर ने बेच दिया ताज का संरक्षित जंगल और इको जोन
पता चला है की आगरा क्षेत्र के प्रमुख फॉरेस्ट अधिकारी एन के जानू ने बाबरपुर इलाके में 12 हजार से अधिक पेड़ों की अवैध बिक्री की है। उन पर वन और ताजमहल के आसपास के संरक्षित क्षेत्र की रक्षा की जिम्मेदारी थी। दरसल आगरा में ताज महल के अंदर एक विश्व विरासत स्थल है जो 500 मीटर प्रतिबंधित क्षेत्र में आता है, इस एक चौंकाने वाली घटना में वन संरक्षक ने ना सिर्फ 12 हजार पेड़ों को बेचा बल्कि बल्की काफी सारी संरक्षित भूमि का भी सौदा कर दिया।
ये अधिकारी अब निलंबित कर दिया गया है और घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि प्रति वर्ग मीटर 0.7-0.9 के घनत्व और 20-30 सेमी की एक स्टेम परिधि के साथ वन भूमि के 25 एकड़ में फैले 8000 से अधिक पेड़ों को सचमुच उखाड़ा गया। इससे ही ये स्थापित हुआ कि वन संरक्षक द्वारा यहां संरक्षित सामग्री को बेचा जाता है।
पता चला है कि जानू 30 साल से अधिक समय से यहां कार्यरत थे। उन्होंने ताजमहल के संरक्षित क्षेत्र से 4000 से अधिक पूरी तरह से विकसित पेड़ों को बेचा। पेड़ों को वन विभाग के कार्यालय के पीछे जंगल से उखाड़ा गया,। इस मामले में प्रमाणित हुआ कि जमीन समतल करके और घास को बराबर करके कई सबूत छिपाने के लिए उस पर लगाया गया था। गूगल द्वारा उपग्रह से ली गयी तस्वीरों से मिली जानकारी के आधार पर ये संभावना व्यक्त की गयी है की ये कार्य मुख्य रूप से 2013 अप्रेल से नवंबर के बीच किया गया है।
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