हिटलर से ज्यादा महत्वाकांक्षी इंसान शायद ही इस धरती पर कोई पैदा हुआ। 20 अप्रैल को जन्‍में अडोल्‍फ हिटलर ने 19वीं शताब्‍दी में पूरे विश्‍व में दहशत फैला रखी थी। हिटलर के इस तानाशाही रवैये को कोई झुका पाया तो वह एक भारतीय नेता था। जी हां भारत के सबसे लोकप्रिय नेता सुभाषचंद्र बोस ने एक बार हिटलर को माफी मांगने पर मजबूर कर दिया था। जानें क्‍या था पूरा मामला....


तानाशाह राजनेता का उदयजर्मनी के इतिहास में हिटलर का वही स्थान है जो फ्रांस में नेपोलियन बोनाबार्ट का, इटली में मुसोलनी का और तुर्की में मुस्तफा कमालपाशा का। हिटलर के पदार्पण के फलस्वरुप जर्मनी का कार्यकलाप हो सका। हिटलर ने अपनी असधारण योग्यता, विलक्षण प्रतिभा और राजनीतिक कटुता के कारण जर्मनी गणतंत्र पर अपना आधिपत्य कायम कर लिया। शुरुआत में हिटलर जर्मन सेना के एक अदने से सिपाही थे। लेकिन जैसे ही युद्ध खत्म हुआ, हिटलर ने सेना छोड़कर सक्रीय राजनीति का रुख कर लिया। और बाद में एक बड़ा तानाशाह राजनेता बनकर उभरा।ध्यानचंद ने भी काटी थी हिटलर की बात


पूरी दुनिया के लिए हिटलर भले ही आंतक का पर्याय हो। लेकिन भारतीयों के आगे उसकी एक न चली। बात 1936 की है, जब जर्मनी में ओलंपिक हुए थे तब भारत का मुकाबला जर्मनी से हुआ जिसमें हॉकी के जादुगर ध्यानचंद की वजह से भारत ने जर्मनी को 8-1 से पटखनी दी थी। इस मैच को हिटलर भी देख रहा था और उसने ध्यानचंद के खेल से प्रभावित होकर उन्हें अपनी सेना में उच्च पद देने ओर जर्मनी की तरफ से खेलने की पेशकश दी। मगर देशभक्त मेजर ध्यानचंद ने यह पेशकश मुस्कुराते हुए ठुकरा दी।

तो हिटलर को मिल जाता शांति का नोबेल पुरस्कार
इतिहास में हिटलर की छवि एक क्रूर तानाशाह जैसी है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी हिटलर को साल 1939 में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामित किया जा चुका है। वो बात अलग है कि उसे अवार्ड नहीं मिला। इस तानाशाह के बारे में एक बात और कही जाती है। कि यहूदियों पर इतना अत्याचार करने के बाद हिटलर का पहला प्यार एक यहूदी लड़की ही थी। मगर हिटलर के पास उस समय इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि वह उस लड़की से अपने प्यार का इजहार कर सकता।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari