उत्तर प्रदेश के रायबरेली में व्यंग्यकार पंकज प्रसून की आओ गांव बचाएं मुहिम के तहत रविवार को एक काढ़ा कैफे खोला गया है। काढ़ा कैफे में ग्रामीणों को मुफ्त में काढ़ा सर्व किया जाएगा।

रायबरेली (आईएएनएस)। कोरोना वायरस के कहर के बीच कवि और लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) के तकनीकी अधिकारी, पंकज प्रसून ने अपने साथियों के साथ मिलकर आओ गांव बचाएं मुहिम शुरू की है। इसके तहत उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के लोढ़ा गांव में रविवार को कोविड-19 से निपटने के लिए एक काढ़ा कैफे खोला गया है। यह काढ़ा कैफे गांव के कोविड केयर एंड हेल्प सेंटर में खोला गया है। कैफे में औषधीय जड़ी बूटियों से बना 'काढ़ा' मुफ्त में परोसा जाएगा। वहीं अब अन्य गांवों में भी ऐसे 10 कैफे खोले जाएंगे।

A Kadha Cafe has opened in Lodha village in UP's #RaeBareli district.
The cafe, which opened on Sunday, is owned by Lucknow-based poet and technical officer of Central Drug Research Institute (CDRI), Pankaj Prasoon, and it as part of the "save villages from #Covid19 campaign". pic.twitter.com/JZkBwuNOG4

— IANS Tweets (@ians_india) June 7, 2021

ग्रामीणों को स्टीम इनहेलर भी बांटे गए
इस संबंध में पंकज प्रसून ने बताया कि शुभारंभ के दौरान ग्रामीणों को स्टीम इनहेलर भी बांटे गए। उन्होंने कहा कि मौसम की स्थिति के अनुसार 'काढ़ा' का नुस्खा बदल जाएगा। शरीर के तापमान को बढ़ाने वाले कुछ मसालों को गर्मियों में बाहर रखा जा रहा है। हम विशेषज्ञों की सलाह पर ऐसा कर रहे हैं। काढ़ा कैफे को लेकर लोग काफी उत्साह है। इसकी अनोखी पहल की चर्चा भी हो रही है।

सीनियर डाॅक्टर्स को भी शामिल किया
बता दें कि पंकज प्रसून ने अपनी मुहिम आओ गांव बचाओ के लिए टीम कोविड हेल्प का गठन करते हुए इसमें सीनियर डाॅक्टर्स को भी शामिल किया है। ये डाॅक्टर ग्राम वासियों को फ्री में ऑनलाइन सलाह देंगे। इतना ही नहीं इस मुहिम के माध्यम से रायबरेली के ग्राम पंचायतों में कोरोना वायरस की दवाएं, ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर निःशुल्क उपलब्ध कराने का काम भी शुरू किया गया है।

Posted By: Shweta Mishra