गरीब व मजलूमों के लिए दया की देवी हैं डॉ। कामायनी

गांव-गांव चिकित्सा शिविर लगाकर गरीबों का करती हैं इलाज

गंभीर मामलों में खुद वहन करती हैं उपचार का खर्च

Sudheer Jaiswal

बात उन दिनों की है जब कामायनी दसवीं में पड़ती थीं। अपनी मां के साथ एक पड़ोसी के यहां गई थीं। पड़ोसी की मासूम बेटी बहुत ज्यादा बीमार थी। मां ने बताया कि उसकी बीमारी में ढेर सारे पैसे खर्च होंगे। लेकिन गरीबी के कारण परिजन अपनी मासूम बच्ची का इजाज नहीं करा सके और उस मासूम को असमय ही इस दुनिया से जाना पड़ा। इस अनहोनी ने न सिर्फ कामायनी की जिंदगी बदल दी बल्कि जिंदगी जीने का मकसद दी दे दिया। समाज में फिर किसी लाचार को ऐसी परिस्थिति से न गुजरना पड़े, इसके लिए कामायनी ने डॉक्टर बनने का फैसला लिया और वह अपने मकसद में कामयाब हुई। आज वह गरीब मजलूमों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं।

फैमिली का मिला सपोर्ट

मूलरूप से हरदोई जिले की रहने वाली डा। कामायनी उपाध्याय के पिता अशोक कुमार शुक्ला बैंक में मैनेजर और मां शारदा शुक्ला लेक्चरर थी। पढ़ा लिखा परिवार होने के कारण उन्हें अपना मकसद पूरा करने में कोई अड़चन नहीं आई। कामायनी ने जब डाक्टर बनने की इच्छा जताई तो पैरेंटस उनका पूरा साथ दिया। बचपन के उस हादसे ने कामायनी को इतना झकझोर दिया था कि वह मजलूमों की होकर रह गई।

बन गई मददगार

शिक्षा के दिनों में ही कामायनी गरीबों का दर्द बांटने लगीं। अपने पुराने कपड़ों को गरीबों में बांटना शुरू कर दिया था। आसपास के गरीबों व बीमारों को अपनी पाकेटमनी से दवाओं की व्यवस्था करने लगीं। यह आदत उनकी डाक्टर की पढ़ाई के दौरान गहरवाल यूनिवर्सिटी से लेकर गुजरात यूनिवर्सिटी तक बनी रही।

पति ने भी निभाया साथ

2008 में उनकी शादी प्रतापगढ़ जनपद के पट्टी तहसील के तेरहमील निवासी डा। सुधांशु उपाध्याय के साथ हुई। गरीबों की सेवा की कामायनी की सोच को ससुराल में भी मदद मिली। उन्होंने पति के सहयोग से शहर में क्लीनिक खोली और गरीबों का नि:शुल्क उपचार करना शुरू कर दिया।

नवरात्र में लगाती हैं कैंप

वह हर वर्ष नवरात्र पर अपने पति डा। सुधांशु के साथ डाक्टरों की टीम बनाकर गांव-गांव जाकर कैंप कर गरीबों का उपचार व दवाएं उपलब्ध कराती हैं। कोई बड़ा केस होता है तो उसका इलाज नर्सिग होम में करती हैं। इलाज में आर्थिक मदद भी करती हैं।

लड़कियों की शिक्षा में मददगार

डा। कामायनी ने बताया कि उन्होंने शहर के सगरा के पास नालेज इन इन कल्चर पब्लिक स्कूल खोला है। इसमें लड़कियों के लिए एडमिशन फीस नहीं ली जाती है। उनका इरादा है लड़कियां शिक्षा के क्षेत्र में आगे आकर देश की तरक्की में अपना हाथ बंटाएं।

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संक्षिप्त परिचय

नाम - डा। कामायनी उपाध्याय

पिता - अशोक कुमार शुक्ला

माता - शारदा शुक्ला

पता - हरदोई (यूपी)

वर्तमान पता - अचलपुर प्रतापगढ़

शिक्षा

- डिप्लोमा इन योगा एंड मैसेज, स्किल्ड इन जिनाइलाजिकल एंड अब्स्टेट्रिक सोनोलाजी, बी.ए.एम.एस (गहरवाल यूनिवर्सिटी) एम.एस

(गुजरात यूनिवर्सिटी)

ग्रेजुएशन - बी.ए.एम.एस

इंटरमीटएट - यूपी बोर्ड फ‌र्स्ट क्लास

हाईस्कूल - यूपी बोर्ड फ‌र्स्ट क्लास

अवार्ड

यूपी बोर्ड परीक्षा में हरदोई में जिले में प्रथम स्थान बनाया

2009-10 जामनगर में आयोजित सेमिनार में द बेस्ट प्रजेंटेशन के लिए फ‌र्स्ट प्राइज मिला

प्रजेंटेशन

- 2009 में गुरूकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोआयुर्वेद पर विश्व वेद सम्मलेन में भाग लिया

- 2009 में ही भारती विद्या पीठ यूनिवर्सिर्टी में प्रजेंटेशन दिया

- 2010 में वुमेंस डेलवलपमेंट सेल पर गुजरात यूनिवर्सिटी में प्रजेंटेशन दिया

रिसर्च

- 2008 से 2015 तक विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक जर्नल्स में 12 शोध पत्रों का प्रकाशन

- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, भारत सरकार द्वारा विदेशी चिकित्सकों को भारतीय चिकित्सा पद्धति की शिक्षा आनलाइन देने के लिए चलाई जा रही स्कीम में अध्याय लेखन

- दर्जन भर कांफ्रेंस में बंध्यत्व व स्त्री रोगों से संबंधित शोध का प्रस्तुतिकरण

Posted By: Inextlive