-एमपीपीजी कॉलेज में सेमिनार आयोजित, साइंटिस्ट ने रखी अपनी राय

GORAKHPUR: जंगल धूसड़ स्थित एमपी पीजी कॉलेज में मशरूम संवर्धन पर सेमिनार का आयोजन वनस्पति विभाग द्वारा किया गया। प्रस्ताविकी रखते हुए वनस्पति विज्ञान प्रभारी डॉ। अभय श्रीवास्तव ने कहा कि मशरूम प्रोटीन का स्त्रोत है। बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन रोजगार परक है। देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मशरूम उत्पादन के बारे में जागरुकता फैलाकर मजबूत किया जा सकता हैं। गुरु गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र, चौक माफी, गोरखपुर के अध्यक्ष व वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ। आरपी सिंह ने मशरूम संवर्धन के हर आयाम को विस्तार से समझाया।

35 प्रतिशत मिलता है मशुरूम में प्रोटीन

उन्होंने कहा कि बटन, ढिंगरी, पैडीस्ट्रा व दूधिया मशरूम की प्रजातियां उत्पादन और स्वस्थ्य के नजरिये से बहुत ही उपयोगी हैं। इनमें 35 प्रतिशत तक उच्च कोटि का प्रोटीन होता है। उन्होंने कहा कि मशरूम का सेवन शरीर में कोलेस्ट्राल व शर्करा को नियंत्रित करने में उपयोगी होता है। मशरूम में मौजूद खनिज लवण, अस्थियो, मांशपेशियों व नाडि़यों के लिए लाभदायक है। मशरूम को पकौड़ी, सब्जी, सूप, पापड़, पिज्जा, बिस्कुट, सलाद, अचार व चटनी आदि के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। मशरूम में जीवाणु एवं विषाणुरोधी गुण भी होते हैं, जो ट्यूमर, मिर्गी, मलेरिया, रक्तस्त्राव एवं कब्ज जैसी भंयकर बीमारियों से हमें बचाते हैं। मशरूम एक वाणिज्यिक फसल भी है। जिसकी वर्ष पर्यन्त खेती करके किसान भाई अपनी आय को बढ़ा सकते हैं।

व्याख्यान कार्यक्रम का संचालन डॉ। अखिलेश गुप्ता ने किया। अतिथियों का आभार ज्ञापन आम्रपाली वर्मा ने किया। मौके पर बीएससी वनस्पति विज्ञान विषय के सभी स्टूडेंट्स एवं टीचरव कर्मचारी उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive