- यूनियन बजट में बौद्ध सर्किट के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट का किया गया प्रावधान

- सारनाथ-गया-वाराणसी सर्किट को बौद्ध सर्किट के रूप में किया जायेगा विकसित, सड़क से लेकर अन्य सुविधाएं होंगी बेहतर

VARANASI: काशी की कंडीशन इस बार बुद्ध के नाम पर सुधरने की उम्मीद जगी है। दरअसल, इस बार के आम बजट में सारनाथ-गया-बनारस बौद्ध सर्किट को डेवलप करने के मोटिव से मोदी सरकार ने करोड़ों रुपयों का प्रावधान किया है। लगभग क्00 करोड़ रुपयों के इस बजट में बौद्ध सर्किट की रोड्स से लेकर अन्य दूसरी यात्री फैसिलिटीज को डेवलप करने पर फोकस किया जाएगा।

होगा डेवलपमेंट

सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए बौद्ध सर्किट समेत पांच टूरिस्ट सर्किट्स के डेवलपमेंट के लिए भ्00 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इनमें से क्00 करोड़ रुपये सारनाथ-गया-वाराणसी बौद्ध सर्किट को डेवलप करने के लिए हैं। इन्हीं रुपयों से पुरातात्विक और ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण और तीर्थ स्थल के तौर पर काशी के विकास का काम भी होना है। इस बजट के मिलने के बाद बिहार और यूपी दोनों राज्यों में तालमेल तो बढ़ेगा ही साथ ही साथ टूरिस्ट फ्लो भी बढ़ने की पूरी उम्मीद है। वहीं बजट आने के बाद इस रूट की खस्ताहाल सड़कों से लेकर दूसरी कई मूलभूत यात्री सुविधाओं में भी सुधार होगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविन्द्र कुमार का कहना है कि सरकार का ये कदम बनारस के टूरिस्ट इण्डस्ट्री में जान डालने का काम करेगा। इससे सड़क, परिवहन की हालत बेहतर तो होगी ही और इससे टूरिस्ट कारोबार से जुड़े दूसरे लोगों को भी फायदा मिलेगा।

बजट से निखरेगा सारनाथ

- केन्द्र सरकार की ओर से बौद्ध सर्किट के नाम पर क्00 करोड़ रुपये हुए हैं सैंक्शन

- इन रुपयों से गया, सारनाथ, कौशाम्बी समेत यूपी बिहार के अन्य बौद्ध स्थलों की बदलेगी सूरत

- सारनाथ का भी होगा कायाकल्प

- पर्यटन विभाग के मुताबिक हर साल लगभग तीन लाख विदेशी सैलानी आते हैं सारनाथ

- मूल रूप से जापान, कोरिया, थाईलैंड, सिंगापुर, ताइवान, चीन और श्रीलंका के टूरिस्ट्स का फ्लो है ज्यादा

- यहां आने के बाद दूसरे बौद्ध परिपथ जाने के लिए हवाई यात्रा की नहीं है व्यवस्था

- सड़क से होती है जर्नी

- बदहाल सड़क देती है पर्यटकों को परेशानी

- बजट आने के बाद सड़के होंगी बेहतर जिससे होगा पर्यटकों का रास्ता आसान

Posted By: Inextlive