2016 को शुक्रवार को लोकसभा में धनसंबंधी विधेयक की तरह आधार बिल पारित कर दिया गया है। संसद के निचले सदन में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खासा बहुमत है। इसलिए विपक्ष ने राज्यसभा के महत्व को कम करने की साज़िश का आरोप लगाया है।


राज्यसभा में आधार बिल पर होगी चर्चाअगर कोई विधेयक  के रूप में लोकसभा द्वारा पारित किया जाता है तो संसद का उच्च सदन अथवा राज्यसभा उस पर केवल चर्चा कर सकती है उसमें संशोधन नहीं कर सकती। इसके अलावा राज्यसभा को धनसंबंधी बिल पर चर्चा भी तुरंत करनी पड़ती है क्योंकि यदि राज्यसभा में पेश किए जाने के 14 दिन के भीतर चर्चा नहीं होती है तो उसे पारित मान लिया जाता है।विपक्ष ने कहा सरकार कर रही है साजशिविपक्ष का कहना है कि सरकार राज्यसभा को अनावश्यक बनाने की कोशिश कर रही है क्योंकि वहां वह अल्पमत में है और उनके लिए बिलों को पारित कराना कठिन है। आधार बिल 2016 के अंतर्गत यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर एकमात्र पहचान क्रमांक प्रोग्राम अथवा आधार को कानूनी मान्यता दी जाएगी। फिर सब्सिडी तथा अन्य लाभ सीधे बांटने के लिए उसी का इस्तेमाल किया जाएगा।

Posted By: Prabha Punj Mishra