RANCHI : रैबीज कुत्ते के काटने से फैलने वाली खतरनाक बीमारी है। इसका सही समय पर इलाज न होने से कई मरीजों की तक मौत हो जाती है। वहीं इसके मरीजों की तेजी से बढ़ रही संख्या ने डॉक्टरों और एक्सप‌र्ट्स की टेंशन भी बढ़ा दी है। ऐसे में इंडिया से रैबीज के खात्मे के लिए 2022 तक का लक्ष्य रखा गया है। इसी पर मंथन के लिए रिम्स में पांच जुलाई को देश-विदेश के एक्सप‌र्ट्स का जुटान होगा। एसोसिएशन फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ रैबीज (एपीसीआरआई) इन इंडिया के अध्यक्ष डॉ.अश्वश्थ नारायण ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी। बताते चलें कि रिम्स में 5-7 जुलाई तक एपीसीआरआई का एनुअल कांफ्रेंस होगा। इस दौरान रिम्स के सुपरिंटेंडेंट डॉ.विवेक कश्यप, डॉ.सुमित पोद्दार समेत एपीसीआरआई के एग्जिक्यूटिव मेंबर्स मौजूद थे।

छोटे बच्चे हो रहे ज्यादा शिकार

डॉ नारायण ने कहा कि पूरे व‌र्ल्ड में रैबीज के 59 हजार मामले हर साल सामने आ रहे हैं। जिसमें से 20 हजार केस केवल इंडिया के होते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डॉग बाइट के सबसे ज्यादा केस इंडिया में ही सामने आ रहे हैं। जहां तक पूरे व‌र्ल्ड की बात करें तो 17 मिलियन डॉग बाइट के केस सामने आ रहे हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा डॉग बाइट के शिकार छोटे बच्चे हो रहे हैं।

Posted By: Inextlive