Bareilly: शहर के स्टूडेंट्स को आकाश टैबलेट को छूने और उसे यूज करने की तमन्ना बस तमन्ना भर ही रह जाएगी. कॉलेजेज ने अभी तक टैबलेट यूज करने को लेकर स्टूडेंट्स की डिमांड एजुकेशनल डिपार्टमेंट को नहीं भेजी है. यह डिमांड कॉलेजेज को बहुत पहले ही भेज देनी चाहिए थी. इससे डिमांड के अनुसार सेंट्रल गवर्नमेंट प्रेजेंट सेशन में ही कॉलेजेज को टैबलेट मुहैया करा सके लेकिन देरी की वजह से स्टूडेंट्स को इस सेशन में टैबलेट नसीब नहीं हो सकेगा. आश्चर्य की बात यह है कि कॉलेज मैनेजमेंट ऐसे किसी भी प्रोजेक्ट के होने से इंकार कर रहे हैं. साथ ही यूनिवर्सिटी की तरफ से भी कोई सर्कुलर भेजे जाने से उन्होंने साफ इंकार कर दिया है.


Students को नहीं मिला सर्कुलरनवम्बर के इस आदेश को आरयू के वीसी प्रो। एसपी गौतम ने 23 जनवरी को जारी किया। वहीं रजिस्ट्रार बीके पांडेय ने 31 जनवरी को सर्कुलर जारी कर सभी कॉलेजेज से यह डिमांड मांगी। वहीं कॉलेजेज का कहना है कि यूनिवर्सिटी का ऐसा कोई भी सर्कुलर उन्हें रिटेन में नहीं मिला है। बीसीबी के प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह ने भी सर्कुलर न मिलने की बात कही है।हजारों students की आस टूटीआकाश को छूने की आस लगाए बैठे हजारों स्टूडेंट्स की उम्मीद पर पानी फिर गया है। अकेले बीसीबी में करीब 20 हजार स्टूडेंट्स हैं। वहीं आरयू से एफिलिएटेड 37 कॉलेजेज हैं। किसी भी कॉलेज ने न तो अभी तक स्टूडेंट्स से आकाश की डिमांड मांगी है और न ही उसे डायरेक्टर को भेजा है। इन कॉलेजेज के करीब 30 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को मायूसी हाथ लगेगी। क्या है project?


सेंट्रल गवर्नमेंट की ह्यूमन रिसोर्स एंड डेवलपमेंट मिनिस्ट्री ने नेशनल मिशन ऑन एजुकेशन थ्रू इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (एनमई-आईसीटी) प्रोजेक्ट स्टार्ट किया है। इसका मोटिव हायर स्टडीज के स्टूडेंट्स को इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से जोडऩा है। इससे उन्हें क्वालिटी एजुकेशन प्राप्त करने में सुविधा हो सके। इस प्रोजेक्ट के तहत स्टूडेंट्स को टैबलेट मुहैया कराया जाना था। एनएमई-आईसीटी के डायरेक्टर एनके सिंह ने लास्ट ईयर 23 नवम्बर को यूनिवर्सिटीज के सभी वीसी को लेटर लिखकर टैबलेट के लिए स्टूडेंट्स की डिमांड मांगी थी। इसके साथ ही उन्होंने ब्यौरे की इंफॉर्मेशन जल्द ही देने को भी कहा था। यूनिवर्सिटीज को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि वे सभी कॉलेजेज को एनके सिंह का सर्कुलर पास करें और वे भी अपने स्टूडेंट्स से टैबलेट की डिमांड की इंफॉर्मेशन गैदर करें। यूनिवर्सिटीज को डिमांड लेटर शासन को भेजनी थी, वहीं कॉलेजेज को डिमांड लेटर इलाहाबाद स्थित हायर एजुकेशन डायरेक्टर को भेजना था। डिमांड जल्द भेजने को कहा गया था, क्योंकि टैबलेट इसी सेशन में मुहैया कराया जाना था।कैसे मिलना था tablet?डिमांड के अनुसार, सेंट्रल गवर्नमेंट को स्टेट को टैबलेट मुहैया कराना है। इसे स्टेट डिपार्टमेंट कॉलेजेज और यूनिवर्सिटी को पहुंचाना है। टैबलेट का आधा खर्च सेंट्रल और आधा स्टेट गवर्नमेंट को वहन करना है। स्टूडेंट्स को यह टैबलेट लाइब्रेरी के माध्यम से बुक्स की तरह ईश्यू होगा। टैबलेट की प्राइस 2,276 रुपए है। एक दूसरी योजना के तहत 50 परसेंट के कंसेशन पर स्टूडेंट्स को टैबलेट मुहैया कराना है।आकाश की डिमांड को लेकर आरयू का कोई भी रिटेन सर्कुलर हमें नहीं मिला है। अभी तक इसकी डिमांड हमने नहीं भेजी है।

-डॉ। आरपी सिंह, प्रिंसिपल, बीसीबी हमने अपने यहां के सभी डिपार्टमेंट्स से आकाश के लिए स्टूडेंट्स की डिमांड मांगी थी। आरयू कैंपस में करीब 3 हजार स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। 1,500 स्टूडेंट्स की डिमांड आई है जिसे शासन को भेज दिया गया है। हमारी तरफ से काम पूरा है। अब सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट आगे की कार्यवाही करेंगी।-बीके पांडेय, रजिस्ट्रार, आरयूयूनिवर्सिटी को डिमांड शासन को भेजनी थी और कॉलेजेज को हायर एजुकेशन डायरेक्टर को। हमने अपनी डिमांड भेज दी है। कॉलेजेज ने भेजी है या नहीं उसकी इंफॉर्मेशन हमें नहीं है। सेंट्रल गवर्नमेंट का यह सर्कुलर हमने आरयू की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था।-प्रो। एसपी गौतम, वीसी, आरयू

Posted By: Inextlive