RANCHI : राजधानी में सरकार ने लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्रों की शुरुआत की है। ताकि दवा खरीदने के लिए मरीजों को जमीन-जायदाद गिरवी न रखनी पड़े। और महंगी दवा के अभाव में किसी मरीज की मौत न होने पाए। लेकिन इसमें भी जन औषधि केंद्र में दवाओं की सप्लाई ही नहीं की जा रही है। सियुएशन ये है कि सदर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में सिर्फ 60-70 दवाएं ही अवेलेबल हैं। यही नहीं राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल में मौजूद जन औषधि केंद्र से भी ज्यादातर मरीजों को दवाएं न मिलने के कारण लौट जाना पड़ रहा है। यहां भी 100 दवाएं ही मिल पा रही हैं।

मरीज हो रहे परेशान

इन हॉस्पिटल्स में मौजूद जन औषधि केंद्रों पर ज्यादातर दवाएं नहीं होने के कारण मरीज निराश होकर लौट जाते हैं। ऐसे में उन्हें प्राइवेट जेनरिक दुकान में दवा लेने जाना पड़ रहा है जिसके लिए वहां लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। दवा लेने के चक्कर में सुबह से शाम हो जा रही है। इससे मरीज परेशान हो जा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने उनके लिए जन औषधि केंद्र की व्यवस्था तो कर दी है लेकिन उसमें जब दवाओं की सप्लाई ही नहीं की जा रही है तो फिर इसका क्या फायदा।

मंत्री करेंगे विजिट तो हुए एक्टिव

सूबे के एक मिनिस्टर का रिम्स में विजिट होने वाला है। इस दौरान वह जन औषधि केंद्र भी जाएंगे। विजिट की सूचना मिलते ही सप्लायर भी एक्टिव हो गए हैं। रिम्स के केंद्र में दवा सप्लाई के लिए दौड़ शुरू हो गई है। जबकि इन केंद्रों के संचालक सालभर से कई दवाओं की डिमांड करते रहे लेकिन नहीं भेजी गई।

629 दवाएं रखने का है आदेश

रसायन मंत्री ने 2017 में रिम्स विजिट के दौरान जन औषधि केंद्र का भी इंस्पेक्शन किया था। उस दौरान उन्होंने केंद्र में 629 दवाएं रखने का आदेश दिया था। जिससे कि मरीजों को किसी भी दवा के लिए प्राइवेट मेडिकल स्टोर्स में जाने की जरूरत न पड़े। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी केंद्र में आधी दवाएं भी अवेलेबल नहीं हैं। ऐसे में मरीजों की प्राइवेट मेडिकल स्टोर्स पर जेब कट रही है।

Posted By: Inextlive