असहिष्णुता पर आमिर के बयान पर भड़के अनुपम, मनोज तिवारी सर्मथन में आए केजरीवाल
ट्विटर पर बहस
देश में कथिततौर पर बढ़ती असहिष्णुता पर बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान के बयान पर बड़ी बहस छिड़ गई है। आमिर ने एक कार्यक्रम में कहा था, मैं भी मानता हूं कि पिछले छह-आठ माहों में असुरक्षा का भाव बढ़ा है। जब मैं घर में होता हूं और किरण से बात करता हूं, वह कहती है कि हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए। यह किरण के लिए बड़ा और दुखद बयान है। वह अपने बच्चों को लेकर भयभीत है। जिसके बाद इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर बहस शुरू हो गयी है। अनुपम खेर ने ट्वीटर पर लिखा, आमिर क्या तुमने किरण से पूछा कौन-से देश तुम जाना पसंद करोगी? क्या तुमने उसे यह बताया कि इस देश ने ही तुम्हें आमिर खान बनाया है? आप इससे भी खराब माहौल में रह चुके हैं, फिर भी देश छोड़ने की बात नहीं सोची।
Dear @aamir_khan. Did you ask Kiran which country would she like to move out to? Did you tell her that this country has made you AAMIR KHAN.
— Anupam Kher (@AnupamPkher)Dear @aamir_khan. #SatyamevaJayate u talked about evil practices but gave Hope. So even in ‘Intolerant’ times u need 2 spread Hope not Fear.
— Anupam Kher (@AnupamPkher)वहीं अमिनेता और भोजपुरी गायक मनोज तिवारी ने इस बात पर दुख जाहिर किया है कि आमिर ऐसा कैसे कह सकते हैं और ये तक कह दिया कि अगर वो ऐसा समझते हें तो ये देश छोड़ कर जहां सुरक्षित अनुभव करें वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
समर्थन में केजरीवाल
दूसरी ओर आमिर की बात को गंभीरता से लेने का विचार प्रकट करते हुए दिल्लीआ के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल का कहना है कि अगर आमिर जैसे लोग भी ऐसा कह रहे हैं तो हमें गंभीर हो जाना चाहिए।BJP shud stop silencing voices thro abuses n threats. Its high time centrl govt took concrete steps 2 instil sense of security amngst people— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal)
क्या कहा आमिर ने
दरसल आमिर ने सूचना प्रसारण मंत्री अरुण जेटली की मौजूदगी में रामनाथ गोयनका पत्रकारिता अवॉर्ड समारोह के दौरान अवॉर्ड लौटाने वालों का समर्थन करते हुए कहा कि रचनात्मक लोगों का आक्रोश प्रकट करने का यह एक तरीका है। देश में अहिंसात्मक विरोध करने का हक है। हम अखबारों में पढ़ते हैं कि क्या हो रहा है। वे कई घटनाओं से हैरान हो जाते हैं। उनकी पत्नी किरण रॉव इस बात से चिंतित है कि हमारे आसपास का वातावरण कैसा हो गया। वह रोज अखबार पढ़कर भयभीत हो जाती है। दादरी मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा हत्यात एक गंभीर मामला है और ऐसा नहीं होना चाहिए। आमिर ने राजनीतिज्ञों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों को हमने राज्य या केंद्र में पांच वर्ष तक हमारी देखभाल करने के लिए चुना, वो लोग कानून अपने हाथों में लेते हैं। हम कड़ा रुख अपनाने, एक कड़ा बयान देने, कानूनी प्रक्रिया तेज करने के लिए उनकी ओर देखते हैं। जब हम देखते हैं कि कुछ हो रहा है तो हमारे भीतर एक सुरक्षा की भावना आती है, लेकिन जब हम कुछ होते हुए नहीं देखते तब हमारे भीतर असुरक्षा की भावना आती है।
असहिष्णुता विवाद का सिलसिला
असहिष्णुता पर विवाद का सिलसिला असल में कन्नड लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या और उप्र के दादरी में गोमांस खाने के शक में एक मुस्लिम की हत्या के बाद से जोर पकड़ गया था। जिसके बाद करीब 40 से ज्यादा लेखकों ने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाए। 10 से ज्यादा इतिहासकारों और कई वैज्ञानिकों ने भी राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाए। गजेंद्र चौहान को चेयरमैन पद से हटाने की मांग को लेकर एफटीआईआई छात्रों की हड़ताल के समर्थन में 10 फिल्मकारों ने नेशनल अवॉर्ड लौटाए। असहिष्णुता के विरोध में लेखिका अरुंधती रॉय और फिल्म निदेशक कुंदन शाह ने भी नेशनल अवॉर्ड लौटाए।
इसके बाद शिवसेना ने पाक गजल सम्राट गुलाम अली का कार्यक्रम नहीं होने दिया। मुंबई में पूर्व भाजपा नेता सुधींद्र कुलकर्णी के मुंह पर कालिख पोती गई। बाद में अनुपम खेर ने मार्च फॉर इंडिया निकालकर अवॉर्ड वापसी का विरोध किया।
आमिर खान से पहले अभिनेता शाहरुख खान अपने जन्मदिन के मौके पर देश में बिगड़ते माहौल की बात कही थी। जिस पर काफी बवाल मचा था। उन्हें पाकिस्तान जाने तक की सलाह दे दी गई थी।