किसी वक्‍त अरविंद केजरीवाल के करीबी रहे पर अब दूर हो चुके स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण ने कहा है कि आम आदमी पार्टी वाली दिल्‍ली सरकार का जनलोकपाल बिल उस जनलोकपाल बिल के मर्सादे से बिलकुल अलग है जो अन्‍ना हजारे के आंदोलन के समय तैयार किया गया था। इसीलिए वो उसे जनलोकपाल नहीं जोकपाल बिल मानते हैं।

सरकार के पास नहीं होना चाहिए लोकपाल की नियुक्ति का अधिकार
आम आदमी पार्टी के पूर्व सदस्य और स्वराज अभियान के नेता वकील प्रशांत भूषण ने आप सरकार के जनलोकपाल बिल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल का यह जनलोकपाल उस ड्राफ्ट से बिलकुल अलग है जो अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान तैयार किया गया था क्योंकि स्वतंत्र लोकपाल की नियुक्ति और हटाने का अधिकार अब राज्य सरकार के पास रहेगा। उनका मानन है ये सही नहीं है। प्रशांत भूषण ने कहा कि लोकपाल की नियुक्ति के लिए कमेटी में मुख्यमंत्री, विधानसभा स्पीकर, विपक्ष के नेता और दिल्ली के चीफ जस्टिस होंगे। इसका मतलब चार में से तीन राजनैतिक दल से हैं और दो सरकार का हिस्सा हैं। वहीं लोकपाल को हटाने का हक सरकार को रहेगा जो की दो-तिहाई बहुमत के आधार पर तय होगा। जबकि हमने जो ड्राफ्ट बनाया था उसमें किसी भी तरह के राजनैतिक हस्तक्षेप की बात नहीं थी।

#AapJokepalBill with govt appt & controlled Lokpal w/o investigative agency is a shocking betrayal of the Anticorruption movement & people!

— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 28, 2015


बिल के समर्थन में आये विश्वास और आशुतोष
प्रशांत भूषण के इस हमले के बाद आम आदमी पार्टी के नेता और अरविंद केजरीवाल के नजदीकी कुमार विश्वास और आशुतोष बिल और केजरीवाल के समर्थन में सामने आ गए हैं। दोनों ने अपने ट्वीट कर पार्टी का समर्थन किया है। कुमार विश्वास ने ट्वीट में लिखा है, हम उस जनलोकपाल के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसका ड्राफ्ट रामलीला मैदान पर तैयार किया गया था। इसमें एक कॉमा या फुल स्टॉप भी नहीं बदला गया है! यदि इसमें बेहतरी की थोड़ी सी भी गुंजाइश है तो इस पर सदन में चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा चर्चा की जाएगी।

We are committed to the Lokpal exactly what was drafted and committed at Ramlila Maidan, tweets AAP's Kumar Vishwas https://t.co/BKD8bNgAOf

— TIMES NOW (@TimesNow) November 28, 2015
वहीं आशुतोष ने अपने ट्वीट में कहा है कि आखिर केजरीवाल की आलोचना करने के लिए इतनी जल्दी क्यों दिखाई जा रही है और कभी कभी भाजपा की भी आलोचना कर लिया करें प्रशांत।

केजरीवाल को कोसने के लिये इतना उतावलापन क्यों भाई ? ये सब किसको फ़ायदा पंहुचाने के लिये ? कभी मोदी बीजेपी की भी आलोचना कर ले ?

— ashutosh (@ashutosh83B) November 28, 2015


स्वतंत्र लोकपाल के विचार को धव्स्त करने का आरोप
आपको बता दें की इसके पहले प्रशांत भूषण ने बिल को लेकर कहा था कि यह बिल स्वतंत्र लोकपाल के सारे सिद्धांतो को ध्वस्त  करता है और यह एक जोकपाल से भी बदतर हे। बिल को लेकर प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया है जिसमें लिखा है कि दिल्ली लोकपाल विधेयक उन सभी सिद्धांतों को ध्वस्त करता है जिसका मसौदा हमने तैयार किया था जैसे नियुक्ति एवं पद से हटाना सरकार के अधीन न हो, लोकपाल के अधीन स्वतंत्र जांच एजेंसी। दिल्ली लोकपाल विधेयक को देखकर हैरानी हुई। नियुक्ति एवं पद से हटाना दिल्ली सरकार द्वारा, उसके अधीन कोई जांच एजेंसी नहीं, भारत सरकार की जांच करने का भी अधिकार, इसे असफल होने के लिए तैयार किया गया है।
नांमजूर हो जायेगा बिल और केंद्र को जिम्मेदार बता पल्ला छाड़ लेंगे केजरीवाल
इसके अलावा केंद्र सरकार को भी इस बिल के अंतर्गत लाना इसके असफल होने को दर्शाता है क्योंकि केंद्र सरकार इसे किसी भी तरह से मंजूरी नहीं देगी। केजरीवाल ने इसे बनाने में किसी की राय नहीं ली है। भूषण के अनुसार केजरीवाल इसे सोमवार को पास करेंगे और केंद्र सरकार को भेज देंगे जहां इसे नामंजूर कर दिया जाएगा जिसके बाद यह केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए रोएंगे।

 

 

 

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Posted By: Molly Seth