आम आदमी पार्टी की पूर्व नेता अलका लांबा को गुरुवार को दिल्ली विधानसभा से स्पीकर राम निवास गोयल ने दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया।


नई दिल्ली (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी की पूर्व नेता अलका लांबा को गुरुवार को दिल्ली विधानसभा से स्पीकर राम निवास गोयल ने दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया। इस महीने की शुरुआत में लांबा के कांग्रेस में शामिल होने के बाद AAP विधायक सौरभ भारद्वाज की याचिका के बाद यह फैसला लिया गया। उन्होंने लांबा को दलबदल के आधार पर अयोग्य ठहराए जाने की मांग की थी। स्पीकर ने कहा कि चांदनी चौक से दिल्ली विधानसभा की निर्वाचित सदस्य लांबा को 6 सितंबर से अयोग्य ठहराया गया, जिस दिन उन्होंने पार्टी से इस्तीफे की घोषणा की थी, अब यह पद रिक्त हो गया है। लड़ाई जारी रखेंगी लांबा


इसके अलावा चार और विधायकों को समान आधार पर अयोग्य ठहराया गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, लांबा ने कहा कि AAP के साथ उनकी यात्रा समाप्त हो गई है। उन्होंने कहा, 'AAP के साथ मेरी यात्रा अब समाप्त हो गई है। मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने मेरी यात्रा में मेरा समर्थन किया। मैं अपनी जनता के साथ अब लड़ाई जारी रखूंगी, AAP में लोकतंत्र एक आदमी की तानाशाही के साथ खत्म हो रहा है।' इस्तीफे का इतिहास बहुत दिलचस्प

6 सितंबर को, लांबा ने ट्विटर पर अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी AAP से बाहर निकलने की घोषणा की और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। लांबा के विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने के बाद, भारद्वाज ने कहा कि लांबा के इस्तीफे का इतिहास बहुत दिलचस्प रहा है।  उन्होंने कहा, 'इससे पहले दर्जनों बार उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की है, कई बार कांग्रेस में जाने के बारे में कहा और कभी-कभी खुद के निर्दलीय विधायक होने की घोषणा की। लेकिन जब भी उन्हें लगा कि उनकी घोषणा विधानसभा से उनकी अयोग्यता का कारण बन सकती है, तो वह अपनी घोषणा से पीछे हट जातीं।'क्या है विश्वसनीयता

उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन इस बार, उनकी अयोग्यता का मामला अध्यक्ष के पास था। लांबा फिर पीछे हट गई और कहा कि वह अभी भी आम आदमी पार्टी के साथ हैं। उन्होंने दावा किया कि ट्विटर पर उनके इस्तीफे को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की उनकी खुद की घोषणाओं को भी गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।' भारद्वाज ने कहा कि मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए वह चांदनी चौक के निर्दोष लोगों को बेवकूफ बनाती रहीं। कोई उन पर कैसे भरोसा कर सकता है? और कांग्रेस भी कब तक उन पर भरोसा कर सकती है? ऐसे लोगों की विश्वसनीयता क्या है?' ट्विटर पर हर रोज पार्टियां बदलने के लिए स्वतंत्रउन्होंने कहा कि यह बहुत संतोष की बात है कि स्पीकर ने आखिरकार इस डेली सोप ओपेरा समाप्त कर दिया है। अब वह एमएलए नहीं हैं। अब वह घर पर बैठकर ट्विटर पर हर रोज पार्टियां बदलने के लिए स्वतंत्र हैं। AAP के चार अन्य विधायकों को भारद्वाज की याचिका पर विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। अनिल कुमार बाजपेयी, कर्नल देवेंद्र सहरावत और कपिल मिश्रा को अयोग्य घोषित किया गया था। अरविंद केजरीवाल सरकार का कार्यकाल फरवरी 2020 में समाप्त हो जाएगा।

Posted By: Mukul Kumar