RANCHI :आपके रुपयों की रक्षा करने वालों ने ही उसे लूटने का काम किया है। पुलिस की तफ्तीश में इन पर ये इल्जाम लगा है। जसीडीह थाना क्षेत्र के चकाई मोड़ स्थित एसबीआई के एटीएम से पिछले माह 51 लाख 14 हजार रुपये गायब होने की हुई घटना के बाद पुलिसिया कार्रवाई ये सामने आया है। देवघर पुलिस ने इस मामले में जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है। उनमें इस बैंक के ही एडमिनिस्ट्रेशन सेल के अधिकारी संजय कुमार केसरी, कैश एडमिनिस्ट्रेशन बृंदा प्रसाद, मैकेनिकल इंजीनियर विजय कुमार सिंह और एटीएम गार्ड मनोज मंडल शामिल है। पुलिस ने इनके पास से 12 लाख रुपये और तीन मोबाइल बरामद भी किये गये हैं। इस अरेस्टिंग के बाद पुलिस मुख्यालय ने राज्य के सभी जिलों के एसपी को साइबर फ्रॉड से लेकर एटीएम चोरी की अब तक हुई अन्य घटनाओं में भी बैंक अधिकारियों की भूमिका की जांच के निर्देश दे दिए हैं। इस गिरफ्तारी के बाद बड़ा सवाल यह भी है कि हर दिन कड़ी मेहनत से गाढ़ी कमाई के रूप में जो रुपये मिलते हैं उसकी रक्षा के लिए उसे हम बैंक में डालते हैं लेकिन बैंक अधिकारियों की ही बुरी नजर जब हमारी गाढ़ी कमाई पर रहेगी तो फिर उसका बचाव कैसे किया जा सकेगा?

क्या है मामला?

चकाई मोड़ स्थित एसबीआई के एटीएम में 8 जुलाई को 55 लाख 67 हजार रुपये थे। 9 जुलाई को एक ग्राहक ने मात्र 500 रुपये की निकासी की थी। इसके बाद तकनीकी गड़बड़ी की वजह से एटीएम ने काम करना बंद कर दिया। 30 जुलाई को जब अधिकारियों की ओर से जांच पड़ताल की गयी तो इस एटीएम में मात्र 4 लाख 52 हजार रुपये ही मिले। एटीएम के पूरी तरह से सुरक्षित होने के बाद भी उसमें से रुपयों के गायब होने से हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जसीडीह थाने में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

गुप्त पासवर्ड प्राप्त कर की घटना

जांच के बाद इस घटना का खुलासा करते हुए एसपी नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 10 जुलाई को बिजली कड़कने के कारण एटीएम सेंटर की बिजली और सीसीटीवी लाइन 13 जुलाई तक खराब थी। इस स्थिति में विजय कुमार सिंह ने 12 जुलाई को शाम करीब सात बजे संजय कुमार केसरी सहित अन्य आरोपियों ने मिल कर एटीएम का गुप्त पासवर्ड प्राप्त किया। इसके बाद एटीएम के निजी गार्ड के सहयोग से घटना को अंजाम दिया। इस मामले में बैंक के वरीय पदाधिकारी और मैनेजर प्रशांत कुमार की भूमिका भी संदिग्ध पायी गयी है। इसकी जांच जारी है। एसपी ने बताया कि घटना के बाद एक विशेष टीम का गठन किया गया था। टीम ने तकनीकी अनुसंधान के जरिये इस मामले में बैंक के ही चार लोगों को गिरफ्तार किया।

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बैंक से जुड़े मामलों की जांच को बदली रणनीति

राज्य पुलिस अब बैंक फ्रॉड, एटीएम से चोरी, एटीएम को क्षतिग्रस्त करना, साइबर फ्रॉड जैसे मामलों को नयी रणनीति से जांच शुरू करेगी। इसके तहत अब सबसे पहले कटघरे में संबंधित बैंक के अधिकारियों की लिस्ट रहेगी। बैंक में मार्केटिंग से लेकर प्रबंधन तक काम करने वालों पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी।

वर्जन

देवघर एटीएम से रुपयों के चोरी होने के मामले के खुलासे के बाद बैंक अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे हैं। राजधानी के भी कई मामलों में पुलिस अब बैंक के भीतर के गुनहगारों पर नजर रखेगी।

अनीश गुप्ता, एसएसपी, रांची

Posted By: Inextlive