क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : आयुष्मान का लाभ मिलने से कई मरीजों को नया जीवन दान मिल रहा है. लेकिन रिम्स में सीधे मौत से सामना हो रहा है. कारण, यहां भयंकर लापरवाही बरती जा रही है. यहां इलाज कराने वाले मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ लेने में काफी रिस्क मोल लेना पड़ रहा है. गुरुवार सुबह मेडिसीन में इलाज करा रहे एक मरीज को समय से दवा नहीं मिलने के कारण उसकी जान चली गई. उसका भी यहां इलाज आयुष्मान योजना के तहत किया जा रहा था. इस वाकये के बाद से उसके परिजन गम में डूबे हैं. ऐसे में यह सवाल भी उठने लगा है कि आखिर रिम्स में आयुष्मान के मरीजों को बेहतर सुविधाएं कब मिलेगी?

लेकर भाग रहे निजी हॉस्पिटल

आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने में रिम्स सिटी के प्राइवेट हॉस्पिटलों से भी पीछे चल रहा है. आलम यह है कि रिम्स में इस योजना के तहत इलाज के लिए भर्ती मरीजों को अपनी बारी आने के लिए 20-25 दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है. इसके बाद भी कई मरीजों को टाइम से दवाएं और इंप्लांट नहीं मिल पा रही हैं. ऐसे में गरीब तबके के मरीजों के पास इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं है. लेकिन सक्षम लोग अपने मरीजों की छुट्टी कराकर प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर भाग रहे हैं.

पावर फिर भी नहीं खरीद रहे दवा

मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए रिम्स डायरेक्टर ने दवा और इंप्लांट खरीदने का अधिकार सभी डिपार्टमेंट के एचओडी को दे रखा है. ताकि जरूरत पड़ने पर वे दवाएं और इंप्लांट खरीदकर तत्काल मरीज का इलाज शुरू कर दें. इसके बाद भी दवा के लिए मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है. इससे यह साफ है कि डॉक्टर भी बिना फायदे के दवा की खरीदारी नहीं करना चाहते.

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वर्जन

हमलोग मरीजों को बेहतर सेवा देने का प्रयास कर रहे हैं. डॉक्टरों को भी इसके लिए अधिकार दिए गए हैं. हां, थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है. जल्द ही हम ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं जिससे आयुष्मान के मरीजों को दवाओं के लिए इंतजार नहीं करना होगा. जहां तक मरीज की मौत की बात है तो मेरे पास पेपर आता है तो मामले को देखा जाएगा.

डॉ. डीके सिंह, डायरेक्टर, रिम्स

Posted By: Prabhat Gopal Jha