KANPUR:आने वाले दिनों में आपके प्लॉट कालोनी मैप की फाइल केडीए से गायब होने पर आपको परेशान नहीं होना पड़ेगा. डुप्लीकेट फाइल बनवाने के लिए न तो पब्लिक को केडीए की दौड़ लगानी पड़ेगी और न केडीए इम्प्लाइज की जेबें गर्म करनी पड़ेंगी. क्योंकि केडीए अपनी फाइलों को डिजिटाइज करने जा रहा है. केडीए ने 3.84 लाख फाइलों के डिजिटाइजेशन के लिए दो दिन पहले ही टेंडर कॉल किए हैैं. इससे पहले इन फाइलों की केडीए ऑफिसर लिस्टिंग कराई है.


और चक्कर काटा है एलॉटीकेडीए से फाइल गायब होना आम बात है। प्लॉट या कालोनी के एलॉटमेंट से जुड़ी फाइल केडीए से ज्यादातर गायब होती हैैं। लेकिन फाइल गायब होने पर केडीए ऑफिसर या इम्प्लाइ को कोई फर्क नहीं पड़ता। धक्के खाने पड़ते हैं एलॉटी को। क्योंकि बगैर फाइल के रजिस्ट्री नहीं हो पाती है और रजिस्ट्री के टाइम तक एलॉटी लाखों (प्लॉट की कीमत) रुपए जमा कर चुका होता है। रजिस्ट्री न होने से उसे प्लॉट पर कब्जा भी नहीं मिल पाता है। एलॉटी की मजबूरी का फायदा क्लर्क व अन्य इम्प्लाई डुप्लीकेट फाइल खोलने के नाम पर उठाते है।जोन-3 और 4 में सबसे ज्यादा
केडीए सोर्सेज के मुताबिक, गायब फाइल्स की संख्या 3 हजार से अधिक भी हो सकती है। सबसे अधिक फाइल जोन-3 और जोन-4 से गायब हैं। कैंसल हो चुके प्लॉट या एलॉटमेंट की फाइल ज्यादातर मामलों में एलॉटी और इम्प्लाइज की मिलीभगत से जानबूझकर गायब की जाती है जिससे ऑफिसर्स को कैंसिलेशन की जानकारी न हो सके। डब्लू-2 जूही, पनकी में ऐसे कई केस सामने आ चुके हैैं। अभी तक हाउसिंग स्कीम का क्लर्क यह कहकर कार्रवाई से बच जाता है कि चार्ज संभालने के दौरान फाइल मिली ही नहीं।50 पेज की होगी स्कैनिंग


केडीए ने फिलहाल 3.84 लाख फाइलों का डिजिटाइजेशन कराने का डिसीजन लिया है। हर एक फाइल के लगभग आवश्यक 50 पेज की स्कैनिंग होगी। इन्हें पीडीएफ फारमेट में सेव किया जाएगा। जिससे कि अगर किसी एलॉटी की ओरिजनल फाइल गुम जाए तो एलॉटी को परेशान नहीं होना पड़ेगा।  At a glanceए-4 साइज में- 2.80 लाख फाइलए-6 साइज में- 1.0 लाख फाइलए-3 साइज में- 2 हजार फाइल"फाइलों के डिजिटाइजेशन के लिए टेंडर कॉल किए गए है। हर फाइल के जरूरी 50 पेज पीडीएफ फार्मेट में सेव रहेंगे। जिससे कि फाइल गायब होने पर पब्लिक परेशान न हो। "सीपी त्रिपाठी, एडिशनल सेक्रेटरी, केडीए

Posted By: Inextlive