- बड़े सरकारी विभागों में पावर कॉरपोरेशन लगाने जा रहा है स्मार्ट प्रीपेड मीटर

- कई विभागों पर करोड़ों के बिजली का बिल है बकाया, पावर कारपोरेशन हुआ सख्त

आप अक्सर अखबारों में पढ़ते और सुनते होंगे कि फलां सरकारी विभाग पर करोड़ों का बिजली बिल बकाया है। पावर कॉर्पोरेशन को सरकारी विभागों से बिल निकलाने में छक्के छूट जाते हैं। पर अब ऐसा नहीं होगा। बिजली विभाग को सरकारी विभागों को बकाया बिल देने की नोटिस भी नहीं देनी होगी। अब कारपोरेशन ने सरकारी विभागों और आवासों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला लिया है। यानि की इन विभागों और आवासों में उतनी ही बिजली मिलेगी जिसका वह एडवांस में पेमेंट करेंगे। रिचार्ज खत्म होते ही सबकी बत्ती गुल हो जाएगी। इसके लिए कॉरपोरेशन ने पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम को निर्देश भी जारी कर दिया है। पीवीवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि अगले महीने से विभागों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की कवायद शुरू की जाएगी।

भूल जाते हैं पेमेंट देना

शहर के सरकारी विभागों और आवासों में हर महीने लाखों रुपए की बिजली खपत होती है। लेकिन ज्यादातर सरकारी विभागों और आवासों का हाल ये कि जिम्मेदारों को बिल पेमेंट की याद ही नहीं आती। इसी का नतीजा है कि हर साल इन विभागों पर करोड़ों का बकाया रह जाता है। जिससे बिजली विभाग को जमकर घाटा हो रहा है। शहर में कई ऐसे सरकारी विभाग हैं जिन पर करोड़ों रुपए का बकाया है। सरकारी विभागों की इस उदासीनता के चलते शत प्रतिशत बकाया वसूली करना भी बिजली विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है।

जितने का रिचार्ज उतनी ही सप्लाई

अधिकारियों का कहना है कि सरकारी विभाग और आवास होने की वजह से उनका बकाया होने पर भी उनका कनेक्शन डिस्कनेक्ट नहीं किया जा सकता। ऐसे में बिजली विभाग मजबूरी में अपने राजस्व का नुकसान उठाकर सप्लाई जारी रखता है। अब इस समस्या से निपटने और बकाया न बढ़ने देने के लिए इन जगहों पर स्मार्ट प्रीपेड लगाने का फैसला लिया गया है। सभी सरकारी विभागों और आवासों में पुराने मीटर बदलकर वहां प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इसके बाद जो जितनी बिजली का इस्तेमाल करना चाहेगा, उसे उतना ही एडवांस में रिचार्ज कराना होगा।

सेकेंड फेज में आवासों में प्रीपेड

बिजली विभाग की कार्य योजना के तहत जहां पहले फेज में सरकारी विभागों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगेंगे, वहीं सेकेंड फेज में सरकारी अफसरों और कर्मचारियों के आवासों में प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इसमें पुलिस लाइन, पीडब्ल्यूडी, थाना, अस्पताल, विकास भवन, नगर निगम, जल निगम, जल संस्थान समेत अन्य जगहों पर मीटर लगाए जाएंगे।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर की ये है खासियत

इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर में ऐसा डिवाइस लगा है, जो बैलेंस खत्म होते ही मीटर से सप्लाई बंद कर देगा। कंज्यूमर्स के आईडी नंबर पर रिचार्ज करने के बाद ही बिजली सप्लाई हो सकेगी। मीटर में खास बात ये भी है कि बैलेंस खत्म होने के पांच दिन पहले ही रिचार्ज के संकेत मिलने शुरू हो जाएंगे। जिससे समय रहते रिचार्ज किया जा सके।

क्या आएगी परेशानी

- समय से रिचार्ज ना होने पर गुल हो जाएगी बत्ती

-बिजली की सप्लाई तभी होगी जब मीटर रिचार्ज होगा

- बिल जमा करने की सूचना सॉफ्टवेयर तक पहुंचेगी।

-ऑनलाइन रिचार्ज करने की मिलेगी फैसिलिटी

- पांच दिन पहले ही कंज्यूमर्स को मिलने लगेगा संकेत

- कंज्यूमर्स को एप डानलोड करना होगा

- मोबाइल से कर सकेंगे बिजली खपत की निगरानी

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ये हैं बड़े बकाएदार

-नगर निगम

-जल संस्थान

-जल निगम

-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय

-पीडब्ल्यूडी

-गंगा प्रदूषण इकाई

-पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड

-सिंचाई विभाग

वर्जन----------

सरकारी विभागों और आवासों से बकाया वसूलने में विभाग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लिहाजा अब कारपोरेशन ने इस समस्या को खत्म करने के लिए ऐसे जगहों पर प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला लिया है।

दीपक अग्रवाल, एसई-पीवीवीएनएल

Posted By: Inextlive