- तहसील दिवस में एबीवीपी स्टूडेंट्स ने किया जमकर हंगामा

- यूपीएससी में हिंदी माध्यम की अनदेखी पर उठाए सवाल

रूद्गद्गह्मह्वह्ल: तहसील दिवस पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने यूपीएससी में हिंदी माध्यम के स्टूडेंट्स की अनदेखी को लेकर जमकर हंगामा किया। एंट्री को लेकर पहले पुलिस से धक्का-मुक्की आई और आखिर में डीएम का घेराव करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। जिसमें यूपीएससी में हिंदी को बढ़ावा देने की मांग की गई।

यह था सीन

मंगलवार की सुबह तहसील दिवस पर एबीवीपी के सैकड़ों कार्यकर्ता डीएम का घेराव करने तहसील में पहुंचे। जहां उनकी पहले एंट्री के लिए पुलिस वालों से काफी झड़प हुई। जहां इंस्पेक्टर देहलीगेट से भी धक्का-मुक्की हुई। जहां डीएम की गाड़ी रोककर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। अपनी गाड़ी से बाहर आए डीएम के सामने एबीवीपी के इन कार्यकर्ताओं ने अपनी मांग रखी। इनका कहना है कि यूपीएससी के इंटरव्यू में हिंदी माध्यम के स्टूडेंट्स से अंग्रेजी में सवाल किए जाते हैं। जो गलत है। इससे हिंदी भाषा का अपमान भी होता है।

राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को सौंपते हुए कहा कि इस बार यूपीएससी में 1122 कैंडीडेट्स में से हिंदी के केवल बाइस ही चयनित हुए हैं। जो एक बड़ी ही गंभीर बात है। ऐसे में हिंदी भाषी स्टूडेंट्स का अपमान हो रहा है और साथ ही मातृभाषा का अपमान भी हुआ है। यूपीएससी में हिंदी छात्रों की अनदेखी हो रही है। यह अपमान सहन नहीं किया जाएगा। डीएम ने यह ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजने का आश्वासन दिया। इस दौरान अंकुर राणा, अंकित चौधरी, अमित बड़ौली, विराट चौधरी, भारती सोम, अभूल गुप्ता, अंकुर ठाकुर, शोभित राठी, चिराग गुप्ता, विनोद कुमार और उत्तम सैनी आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive