-सरकार का मिला आदेश, रांची पुलिस से एसीबी ने मांगे कांड से जुड़े दस्तावेज

-1987 में जमीन सेना को देने का गजट में उल्लेख, रजिस्टर टू में दर्ज नहीं

-दलालों ने रैयती बता एसटी लैंड को बेच डाला, म्यूटेशन भी हो गया

-नामकुम अंचल में 408 एकड़ का मामला

-2002 से अब तक के राजस्वकर्मी व सीओ जांच के दायरे में

RANCHI: सेना की जमीन घोटाले में नामकुम थाने में दर्ज मामला एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) टेकओवर कर विस्तृत अनुसंधान करेगा। राज्य सरकार का संबंधित आदेश एसीबी को मिल गया है। आईजी मुरारी लाल मीणा के अनुसार, इस कांड से जुड़े दस्तावेज रांची पुलिस से मांगे गए हैं। इसके बाद कांड अंकित कर अनुसंधान शुरू होगा। जमीन संबंधी गड़बड़ी ख्00ख् से ही हुई है, इसलिए उस समय से नामकुम अंचल में रहे राजस्व कर्मचारी से लेकर सीओ तक जांच के दायरे में आएंगे।

जून में मिला था प्रारंभिक जांच का आदेश

राज्य सरकार ने जून में इस मामले में प्रारंभिक जांच का आदेश एसीबी को दिया था, लेकिन एसीबी ने यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि नामकुम थाने में पहले से प्राथमिकी दर्ज है। ऐसे में तकनीकी तौर पर उसकी प्रारंभिक जांच नहीं की जा सकती है। इसलिए नामकुम थाने में दर्ज कांड को टेकओवर कर अनुसंधान का आदेश दिया जाए। इसके बाद राज्य सरकार ने यह आदेश दिया है।

क्या है मामला

नामकुम अंचल में रक्षा विभाग के नाम से ब्08 एकड़ जमीन सरकार की ओर से क्987 में दी गई थी। इसका उल्लेख गजट में है, लेकिन रजिस्टर टू में उक्त जमीन सेना के नाम से दर्ज नहीं है। उसमें यह जमीन पूर्व के रैयत के ही नाम है। दाखिल-खारिज का पर्चा भी उसी रैयत के नाम से कट रहा है, जबकि जमीन पर सेना का कब्जा है। रजिस्टर टू में रैयत का नाम होने और उसके नाम से दाखिल-खारिज का पर्चा कटने का फायदा दलालों ने उठाया। उन्होंने नामकुम अंचल के कर्मियों की मिलीभगत से सेना की जमीन के खाता और प्लाट नंबर का उपयोग कर सीएनटी एक्ट की जमीन को सीएनटी एक्ट फ्री दिखाते हुए बेच दिया। बिक्री की गई जमीन का म्यूटेशन भी किया गया। यह सिलसिला ख्00ख् से चल रहा है।

इनकी बढ़ेगी परेशानी

नामकुम के वर्तमान अंचलाधिकारी ने ठुड़का नायक, बिरजू नायक, काली नायक, लालू नायक, सिकंदर नायक, गंझू साहु, शैलेंद्र कुमार, डुड़का नायक, कोका नायक और कांति मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। एसीबी की जांच आगे बढ़ने पर जो अप्राथमिक अभियुक्त बनाए जाएंगे, उनमें सर्वाधिक संख्या अंचलकर्मियों की ही होगी।

Posted By: Inextlive