>-दस प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री में से 4 के शातिरों ने पास करा लिए थे मैप

- जांच में खुल रहा खेल, रतनलाल नगर के प्लॉट का जोन-3 प्रॉपर्टी सेल विभाग ने किया था सत्यापन

-केडीए से प्लॉट आवंटित न होने के बावजूद भी असिसटेंट एकाउंटेंट व एकाउंटेंट और डिप्टी सेक्रेटरी ने किया सत्यापन, फाइल में मिले साइन

KANPUR: केडीए के 10 प्लाटों की फर्जी रजिस्ट्री में अपने को पाक साफ बता रहे केडीए ऑफिसर भी अब इस फर्जीवाड़ा में फंसते जा रहे हैं। उनके गले की फांस इन 10 प्लाट्स में से 4 प्लाटों के पास किए गए भवन मानचित्र बन गए। फिलहाल फर्जीवाड़ा के फंदे में केडीए के दो एकाउंटेंट के अलावा एक डिप्टी सेक्रेटरी भी फंस गए हैं। केडीए से आवंटन न होने के बावजूद भी सेल डिपार्टमेंट से जुड़े इन तीनों इम्प्लाइ व ऑफिसर ने प्रॉपर्टी का सत्यापन कर दिया। जिससे आवंटन से लेकर रजिस्ट्री तक में फर्जीवाड़ा करने वालों ने नक्शा भी पास करा लिया।

करोड़ों की कीमत के प्लॉट

गौरतलब है कि शातिरों ने केडीए इम्प्लाइज के साथ मिलीभगत कर केडीए के 10 प्लाट्स की फर्जी रजिस्ट्री करा ली थी। इन प्लॉट्स की कीमत 12 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। रजिस्ट्री के बाद भी शातिर चुप नहीं बैठे, केडीए इम्प्लाइज की मिलीभगत से इनमें से चार प्लॉट के नक्शे भी पास करा लिए गए । केडीए ऑफिसर अभी तक केडीए से रजिस्ट्री न होने और डीम्ड काउंटर पर आए नक्शों की जांच न होने का बहाना बनाकर अपने को पाक-साफ बता रहे थे। लेकिन इनमें से एक प्लॉट भूखंड संख्या 325 आरएन ब्लाक रतनलाल का नक्शा पास होने से इन दावों की पोल खुलकर सामने आ गई है। आईनेक्स्ट ने 10 प्लाटों की फर्जी रजिस्ट्री के मामले का खुलासा करते हुए केडीए के कई इप्लाइज के भी शामिल होने का दावा किया था। केडीए वीसी जयश्री भोज के सेक्रेटरी जगदीश त्रिपाठी को जांच सौंपे जाने के बाद फर्जीवाड़ा का सच सामने आता जा रहा है।

फिर भी कर दिया सत्यापन

रतनलाल नगर की गिनती साउथ सिटी के पाश एरिया में होती है। फर्जीवाड़ा करने वाले इन शातिरों की केडीए में इतनी जबरदस्त घुसपैठ थी कि उन्होंने रतनलाल नगर के इस बेशकीमती प्लॉट का प्रॉपर्टी सेल डिपार्टमेंट से सत्यापन कराते हुए नक्शा भी पास करा लिया। जबकि नक्शा पास होने से पहले रतनलाल के इस प्लॉट की पूरी फाइल प्रॉपर्टी के सत्यापन के लिए जोन-3 के सेल विभाग में पहुंची। लंबे समय से रतनलाल नगर स्कीम को देख रहे क्लर्क ने आवंटन न होने के बावजूद भी प्लॉट का सत्यापन करते हुए फाइल आगे बढ़ा दी। जबकि आवंटन रजिस्टर में साफ तौर पर था कि ये प्रॉपर्टी केडीए से किसी को आवंटन ही नहीं हुई थी। लेकिन असिसटेंट एकाउंटेंट, एकाउंटेंट और डिप्टी सेक्रेटरी ने भी सत्यापन करने में देर नहीं लगाई। शातिरों ने आवंटन से लेकर रजिस्ट्री तक फर्जी होने के बावजूद भी कहीं फाइल रुकने नहीं दी और शातिर अपनी मनमाफिक रिपोर्ट लगवाते चले गए। रतनलाल नगर स्कीम से जुड़े तत्कालीन क्लर्क वीके सिंह, एकाउंटेट अशोक शर्मा और डिप्टी सेक्रेटरी मयंक यादव बताए जा रहे हैं।

फर्जी रजिस्ट्री के बावजूद पास किए मैप

क्- ममता मिश्रा- भूखंड संख्या भ्0 ब्लाक सी योजना-ब्0 पनकी

ख्- शांतिदेवी- भूखंड संख्या ख्म्8 ब्लाक डी योजना-ब्0 पनकी

फ्- मो.सईद आलम- भूखंड संख्या क्क्म्भ् ब्लाक वाई योजना ख् किदवई नगर

ब्- विष्णुकान्त मिश्रा- भूखंड संख्या फ्ख्भ् रतनलाल नगर, ब्लाक आरएन रतनलाल नगर

Posted By: Inextlive