सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक डेटा लीक में अब एक नर्इ जानकारी सामने आर्इ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक ने यूजर्स की जानकारी साझा करने के लिए कर्इ कंपनियों के साथ गोपनीय समझौता किया था।


यूजर्स डेटा प्राइवेसी को लेकर विवादों में है सोशल मीडिया दिग्गजवाशिंगटन (पीटीआई)। अपने यूजर्स डेटा प्राइवेसी को लेकर फेसबुक लगातार विवादों में है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक ने कुछ कंपनियों के साथ एक गोपनीय समझौता किया था जिसके तहत उन कंपनियों को यूजर्स के डेटा रिकॉर्ड का स्पेशल एक्सेस दिया गया। शनिवार को एक मीडिया रिपोर्ट में इस डेटा-शेयरिंग डील की जानकारी सामने आई है।दिया गया फेसबुक फ्रेंड्स जैसी अतिरिक्त जानकारियों का एक्सेस


वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि फेसबुक ने कुछ कंपनियों के साथ समझौते किए जिन्हें इंटर्नली 'व्हाइटलिस्ट' के नाम से जाना जाता है। इन समझौतों के तहत, कुछ कंपनियों को यूजर के फेसबुक फ्रेंड्स जैसी अतिरिक्त जानकारियों का एक्सेस दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कंपनियों के पास यूजर के फोन नंबर्स देखने की भी सुविधा थी।रॉयल बैंक ऑफ कनाडा और निसान मोटर्स जैसी कंपनियां शामिल

इसके अलावा फ्रेंड लिंक नाम के एक मेट्रिक के माध्यम से यूजर्स और उनके नेटवर्क में मौज़ूद दूसरे लोगों की निकटता के बारे में भी पता लगाने का साधन था। वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, व्हाइटलिस्ट डील में शामिल होने वाली कंपनियों में रॉयल बैंक ऑफ कनाडा और निसान मोटर्स को. जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों के विज्ञापन फेसबुक पर देखे गए। इस बारे में जानकारी देने वाले लोगों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है।फेसबुक की 60 डिवाइस निर्माताओं के साथ डेटा शेयरिंग पार्टनरशिपबता दें कि हाल ही में खबर आई थी कि फेसबुक ने कम से कम 60 डिवाइस निर्माताओं के साथ डेटा शेयरिंग पार्टनरशिप की थी। इनमें से अधिकतर के साथ पार्टनरशिप 2015 में खत्म हो गई थी, जबकि कुछ कंपनियों के साथ साझेदारी कुछ हफ्तों और महीनों के लिए बढ़ाई गई थी।8.70 करोड़ लोगों का निजी डेटा कैंब्रिज एनालिटिका के साथ साझालेकिन यह साफ नहीं है कि कब सभी सौदे स्वत: समाप्त हो गए या कितनी कंपनियों को विस्तार दिया गया। गौर करने वाली बात है कि फेसबुक को दुनियाभर में 8.70 करोड़ लोगों का निजी डेटा ब्रिटेन की कैंब्रिज एनालिटिका के साथ साझा करने के लिए निंदा का सामना करना पड़ा है। यह सौदा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2016 के चुनाव प्रचार के लिए किया गया था।

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Posted By: Satyendra Kumar Singh