- पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के पति ने एचबीटीआई से किया है बीटेक, लोग बुलाते हैं अध्यक्ष

- कोचिंग मंडी से हर बड़े संस्थान में फैलाया सॉल्वर्स का जाल, व्यापमं घोटाले की यूपी में मुख्य कड़ी

- पुलिस जान कर थी अंजान या सत्ता का था खौफ

KANPUR: यूपी में व्यापमं घोटाले का मास्टर माइंड रमेश चंद्र शिवहरे अपनी पत्‍‌नी की पॉलीटिकल इमेज का सहारा लेकर 2017 में होने वाले विधान सभा चुनाव लड़ने की तैयारी में था। 2005 में एचबीटीआई से बीटेक करने के बाद काकादेव में पैराडाइज कोचिंग इंस्टीट्यूट खोल कर उसने सॉल्वर्स का ऐसा नेटवर्क बनाया कि मध्य प्रदेश सरकार से लेकर यूपी में भी रेलवे परीक्षा व कई परीक्षाओं में पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ उसके पीछे पड़ गई थी। हालांकि उसके रसूख और सियासी कनेक्शन्स की वजह से काफी समय तक वह बचा भी रहा। जिसके बाद मंगलवार को वह सीबीआई और एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। जांच एजेंसियों के मुताबिक व्यापमं और दूसरी सरकारी नौकरियों में फर्जीवाड़े के करोड़ों रुपए कमाए हैं और इसी पैसे का इस्तेमाल उसने सियासत में अपनी पैठ बनाने में किया। महोबा में उसे लोग अध्यक्ष कह कर ही बुलाते थे।

सैकड़ों का भविष्य बर्बाद किया

रमेश ने काकादेव कोचिंग मंडी में सॉल्वर्स का जो रैकेट तैयार किया उसने अब तक सैकड़ों स्टूडेंट्स का भविष्य खराब किया है। सिर्फ जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से ही इस मामले में 65 स्टूडेंट्स फंसे। एसटीएफ से पूछताछ के दौरान उसने रैकेट किस तरह से काम करता है इसके बारे में बताया। वह दो तरह से परीक्षाओं में सेंधमारी करता था पहला अभ्यर्थी की जगह सॉल्वर को परीक्षा दिलवा कर और दूसरा अभ्यर्थी के लिए नकल का इंतजाम करवा के। इसके अलावा लखनऊ, झांसी, आगरा, इलाहाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, हमीरपुर, बांदा, महोबा जैसे शहरों में भी उसने अपना नेटवर्क फैलाया। जिसमें कई प्रतिभावान छात्र उसके रैकेट में थोड़े से लालच के चलते फंस गए। एचबीटीआई में भी उसने अपना जाल फैलाया और कई स्टूडेंट्स को अपने रैकेट में शामिल किया।

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पत्‍‌नी का आरोप रमेश को फंसाया गया

वहीं कोर्ट में रमेश की पेशी के दौरान मिलने आई उसकी पत्‍‌नी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अंशू शिवहरे ने उसे फंसाए जाने का आरोप लगाया। अंशू के मुताबिक महोबा में विधान सभा चुनाव की तैयारियों में लगे उसके विरोधियों ने उनके पति को फंसवाया। हालांकि वह कुर्की और पहले से ही वारंट जारी होने के सवाल पर चुप हो गई।

पुलिस जान के बनी थी अंजान

कल्याणपुर आवास विकास-3 में काफी समय से रह रहे रमेश शिवहरे के बारे में वहां की पुलिस को जानकारी क्यों नहीं थी। जबकि वह खुल्लम खुल्ला घूमता था। उसके पास से बरामद हूटर और सपा का झंडा लगी एसयूवी उसकी ठसक का डंका पीट रही थी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या कल्याणपुर पुलिस जान कर भी अनजान बनी थी और रमेश पर हाथ डालने से बच रही थी।

अब भोपाल कोर्ट में होगी पेशी

बुधवार को कल्याणपुर पुलिस और सीबीआई की टीम रमेश शिवहरे को सीएमएम कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 7 मई तक की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया गया। इसके बाद अब 7 मई को शाम 5 बजे तक रमेश को सीबीआई को भोपाल कोर्ट में पेश करना होगा।

तीन बड़े कोचिंग इंस्टीटयूट निशाने पर

रमेश को गिरफ्तार करने के ज्वाइंट ऑपरेशन में सीबीआई ने शहर में मेडिकल और आईआईटी की तैयारी कराने वाली तीन कोचिंगों पर भी शिकंजा कसा है। सीबीआई ने इन तीनों कोचिंगों से 5 साल तक का स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड तलब किया है।

'आगरा में आरआरबी के पेपर लीक मामले में जो आरोपी पकड़ा गया है, उससे रमेश के कनेक्शन पर जांच की जा रही है। इसके अलावा प्रदेश में कई दूसरी परीक्षाओं में सक्रिय उसके दूसरे गैंगों के नेक्सेस को खंगाला जा रहा है.'

- डॉ। अरविंद चतुर्वेदी, एएसपी, एसटीएफ लखनऊ

Posted By: Inextlive