-1993 में डॉ केके सिन्हा के क्लिनिक में घुस कर रंगदारी मांगने व मारपीट करने के मामले में लोहरदगा विधायक कमलकिशोर भगत दोषी करार

- सजा की बिंदु पर आज होगा फैसला

- एजेसी 3 कृष्ण कुमार की अदालत में हुई सुनवाई

RANCHI: डॉ केके सिन्हा के साथ 1993 में क्लिनिक में घुसकर मारपीट करने, रंगदारी मांगने और फायरिंग के आरोप में सोमवार को एजेसी तीन कृष्ण कुमार की अदालत ने लोहरदगा के आजसू विधायक कमलकिशोर भगत व उन्हीं की पार्टी के एलवेस्टर बोदरा को दोषी करार दिया है। कमलकिशोर की सजा के बिंदु पर सुनवाई मंगलवार को होगी। फिलहाल, उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया गया है। दरअसल, जनप्रतिनिधियों के दोषी करार दिए जाने का यह एक बानगी मात्र है। पहले भी जनता के इन रहनुमाओं पर हत्या, मारपीट व रंगदारी के आरोप लगते रहे हैं। वहीं कई माननीय ऐसे भी हैं, जिनके हाथ में जब तक सत्ता रही वे निगरानी जांच से बचते रहे। लेकिन, सत्ता जाते ही निगरानी का शिकंजा कसता गया। आज भले ही वे बाहर हों, लेकिन मामला कोर्ट में चल रहा है। ऐसे ही माननीयों में शामिल रहे हैं पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही, सत्यानंद भोक्ता, नलिन सोरेन, एनोस एक्का, हरिनारायण राय, कमलेश सिंह, एक्स सीएम मधु कोड़ा, मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, विधायक ढुल्लू महतो, पौलुस सुरीन, जगन्नाथ महतो, चमरा लिंडा, सीता सोरेन, पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह और छात्र हत्याकांड में सजा काट रहे सावना लकड़ा समेत 16 लोग फंस चुके हैं।

पूर्व मंत्रियों पर कैसे-कैसे आरोप

भानु पर मनी लाउंड्रिंग व दवा घोटाले का आरोप

मनी लाउंड्रिंग मामले और दवा घोटाले में फंसे पूर्व मंत्री भानुप्रताप शाही के खिलाफ सीबीआई कोर्ट में मामला चल रहा है। मनी लाउंड्रिंगमामले में ईडी की विशेष अदालत ने इनके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट भी जारी किया है। यदि भानु सरेंडर करते हैं तो भी उन्हें न्यायिक हिरासत में जाना होगा, सरेंडर नहीं करते हैं तो सीबीआई केस में भी गैर हाजिर होने का आरोप लगेगा। दोनों केस की सुनवाई चार फरवरी को तय है। इन पर नौ करोड़ रुपए की मनी लाउंड्रिंग करने का आरोप है, जिसकी सुनवाई रांची के ईडी कोर्ट में चल रही है।

हरिनारायण पर सीबीआई, ईडी, निगरानी में चल रहा मामला

जरमुंडी के पूर्व विधायक सह पूर्व नगर विकास मंत्री हरिनारायण राय फिलहाल जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं। उनके विरुद्ध सीबीआई, ईडी, निगरानी में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। इन पर मधु कोड़ा सरकार में जमकर मलाई खाने का आरोप है। इनके साथ पूर्व एजुकेशन मिनिस्टर बंधु तिर्की, जल संसाधन मंत्री कमलेश सिंह समेत अन्य सात पूर्व मंत्री भी शामिल रहे हैं।

मधु कोड़ा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के हैं आरोपी

पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला आयकर विभाग, ईडी और निगरानी की अदालत में चल रहा है। मधु कोड़ा समेत सात अन्य पर सुप्रीम कोर्ट की विशेष अदालत ने कोयला खान आवंटन घोटाले का आरोपी बनाया है। इन्हें न सिर्फ सम्मन जारी किया गया है, बल्कि इनसे जवाब भी मांगा गया है।

हत्याकांड में आया नाम, काट रहे जेल

कोलेबिरा विधायक वह पूर्व मंत्री एनोस एक्का का नाम अब भी सुर्खियों में है। पहले वे आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में फंसे, फिलहाल चुनाव से पहले पारा टीचर हत्याकांड में नाम आने के बाद उन्हें पुलिस ने जेल में डाल दिया है।

करोड़ों के बीज घोटाले में आरोपी हैं नलीन सोरेन

नलीन सोरेन राज्य के पूर्व कृषि मंत्री हैं। उन पर 46 करोड़ रुपए से अधिक के बीज और कृषि उपकरणों की खरीद में घोटाले का आरोप है। हालांकि, इस मामले में अब तक 151 करोड़ रुपए की घोटाले की बात सामाने आई है। फिलहाल, यह मामला निगरानी कोर्ट में चल रहा है।

सत्यानंद भोक्ता भी बीज घोटाले के हैं आरोपी

राज्य के पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता पर राज्य में हुए बीज घोटाला का आरोप है। इस बाबत सत्यानंद भोक्ता से निगरानी ब्यूरो में पूछताछ भी हुई थी। इसके बाद सत्यानंद भोक्ता फरार भी हो रहे थे। इधर, सत्यानंद भोक्ता पर अपने शासन काल के दौरान नक्सली कमांडर से चुनाव में जीत के लिए बातचीत का टेप भी पुलिस के पास है।

राजेंद्र सिंह रिनपास में अवैध नियुक्ति मामले में हैं आरोपी

बेरमो से कांग्रेस पार्टी के विधायक सह हेमंत सरकार में ऊर्जा मंत्री के पद पर आसीन राजेंद्र सिंह भी निगरानी की जद में आ गए हैं। उनके विरुद्ध रिनपास में अवैध नियुक्ति घोटाला का आरोप लगा है। इस बाबत निगरानी ब्यूरो में उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

रास चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग की आरोपी हैं सीता सोरेन

सीता सोरेन पर वर्ष 2012 राज्यसभा चुनाव के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग के तहत मामला दर्ज है। इस मामले में सीता सोरेन कई दिनों तक जेल में भी रहीं। उन पर अपने ही पूर्व पीए विकास कुमार पांडेय के अपहरण के चार्जेज भी लगे हुए हैं।

ये जनप्रतिनिधि भी कम नहीं

झारखंड की जनता ने इस बार वोट की चोट से कई बड़े चेहरों को तो धाराशायी कर दिया। दिग्गजों के साथ-साथ कई पुराने चेहरों की जगह नए व्यक्ति को प्रतिनिधित्व का मौका दिया। लेकिन, आपराधिक छवि के लोगों को विधानसभा में पहुंचने से जनता नहीं रोक पाई। मर्डर, अटेम्प्ट टू मर्डर, अपहरण, महिला हिंसा जैसे संगीन अपराधों के आरोपी भी विधानसभा पहुंच ही गए। इस बार भी विधानसभा पहुंचे 81 में से 55 विधायक अलग-अलग अपराधों में आरोपी हैं। यानी 68 प्रतिशत जनप्रतिनिधि दागी हैं। इन 55 विधायकों में से 33 पर राज्य के विभिन्न कोर्ट में चार्ज फ्रेम हो चुका है।

Posted By: Inextlive