पीडब्ल्यूडी के शातिर जेई ने नौकरी के नाम पर लाखों रुपए ठगे
- जेई के कारनामे से शर्मशार पीडब्ल्यूडी विभाग
- मुख्य अभियंता ने कार्रवाई के लिए एसएसपी और आईजी को लिखा लेटर - चार मामलों में दर्ज हो चुका है जेई के खिलाफ मुकदमा GORAKHPUR: सरकारी विभागों पर हर किसी का भरोसा होता है. इसी का फायदा उठाते हुए पीडब्ल्यूडी के शातिर जेई ने भोलेभाले लोगों को फंसाकर नौकरी के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लिए. इस जेई की आए दिन एक नई शिकायत पीडब्ल्यूडी दफ्तर में पहुंच रही है. जिसको संज्ञान में लेते हुए पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता एसपी सक्सेना ने कार्रवाई के लिए एसएसपी और आईजी को लेटर लिखा है. जेई का साथी भी इनवॉल्वमुख्य अभियंता एसपी सक्सेना ने एसएसपी और आईजी को जो लेटर भेजा है उसमें जेई के कारनामे की सारी दास्तान दर्ज है. लेटर में लिखा है कि भारत भूषण सिंह ने कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है कि गोपी चन्द चौधरी, अवर अभियंता प्राविधिक तथा दिनेश जायसवाल ने नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख रुपए हड़प लिए हैं. दोनों एक साल तक नौकरी दिलाने का आश्वासन दिलाते रहे जिसके बाद भी नौकरी नहीं लगी तो भारत भूषण सिंह ने पैसा वापस मांगा. जिस पर जेई के दोस्त दिनेश जायसवाल ने पांच लाख का चेक पकड़ा दिया. भारत भूषण सिंह ने चेक कूड़ाघाट स्थित बैंक में लगाया तो चेक बाउंस हो गया.
कैंट में पहले भी दर्ज हो चुका मुकदमा पीडब्ल्यूडी जेई की ये कारास्तानी कोई नई नहीं है. जेई और उसके साथी पर पहले से ही कैंट और महराजगंज के पनियरा थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज है. इनके ऊपर गोरखपुर के तीन और एक महराजगंज के व्यक्ति ने धोखधड़ी का मुकदमा 2017 में ही दर्ज करा रखा है. जिसमें से कैंट थाने में दर्ज मामले में जांच चल रही है और महराजगंज के मामले में पुलिस ने चार्जशीट भी लगा दी है. आगे और भी होंगे एफआईआर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने बताया कि अनुसार हर दिन कोई नई शिकायत कार्यालय में जेई के खिलाफ आती रहती है. आने वाले दिनों में दर्जनों एफआईआर और नौकरी की चाह में ठगे गए लोग करा सकते हैं. गोरखपुर और महाराजगंज में थी तैनातीपीडब्ल्यूडी का जेई गोपी चन्द चौधरी डेढ़ साल गोरखपुर तो कई साल महराजगंज में भी तैनात रह चुका है. आरोप है कि इसी दौरान वह दफ्तर में आने वालों से मुलाकात कर नौकरी दिलाने का प्रलोभन देता था. सरकारी नौकरी में होने के कारण लोग आसानी से उसकी बातों में आ जाते थे. सूत्रों की मानें तो ठगे हुए लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है. लेकिन धीरे-धीरे करके लोग सामने आ रहे हैं. पहले के मामले की वजह से ही इस समय जेई को सस्पेंड भी कर दिया गया है. इस समय वो लखनऊ मुख्यालय से अटैच किया गया है.
बॉक्स 406 और 420 में हो सकती सजा यदि कोई व्यक्ति ने किसी दूसरे व्यक्ति को विश्वास में लेकर संपत्ति दी और दूसरे व्यक्ति ने उस संपत्ति का गलत इस्तेमाल किया या फिर मांगने पर नहीं लौटाया तो वह विश्वास के अपराधिक हनन का दोषी होगा. उसे तीन साल के कारावास या फिर आर्थिक दंड की सजा हो सकती है. वहीं 420 धारा में उसे सात साल तक की सजा हो सकती है. वर्जन हर दिन एक नई शिकायत दफ्तर में जेई के खिलाफ आती रहती है. कुछ शिकायतों के आधार पर और एफआईआर भी जल्दी ही हो सकती है. - एसपी सक्सेना, मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी