न्यू कम्पनीज एक्ट से बढ़ेगी प्राइवेट कम्पनीज की मुसीबत
- देश में 93 percent कम्पनियां हैं प्राइवेट लिमिटेड, न्यू कम्पनीज एक्ट से बढ़ेगी problem
-इसके provision को follow करना है practically difficult, सीए में भी निराशा का माहौलPATNA (12 May) : जब जक न्यू कंपनीज एक्ट ख्0क्फ् एग्जिस्टेंस में नहीं था प्राइवेट लिमिटेड कंपनीज को कोई प्रॉब्लम नहीं थी। लेकिन एक अप्रैल, ख्0क्ब् से यह पूरी तरह से इंप्लीमेंट हो गया है। इसके इंप्लीमेंट होते ही देश भर के प्राइवेट लिमिटेड कंपनीज के बीच तीखी प्रतिक्रिया का दौर शुरू हो गया है। फ्राइडे को पटना में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए) के द्वारा एक वर्कशॉप आर्गनाइज किया गया। वर्कशॉप का सब्जेक्ट था- इम्पैक्ट ऑन प्राइवेट लिमिटेड कंपनीज। इस एक्ट के ब्70 सेक्शन में से क्8ख् को गवर्नमेंट ने किया है नोटिफाई। न्यू कंपनीज एक्ट ख्0क्फ् कंपनीज एक्ट क्9भ्म् की जगह लेगा। यह बहुत डिफिकल्ट है। इसमें फाईन के 7भ् सेक्शन हैं जिसमें कुछ सेक्शन में फाइन और इंप्रीजनमेंट तक की पेनाल्टी है। एक्ट के सेक्शन ब्97 के उल्लंघन में जेल जाने की सजा मिलेगी। पेनाल्टी मिनिमम पांच हजार से दस करोड़ तक है।
अलार्मिग है ये एक्टगेस्ट स्पीकर सीएस ममता बिनानी ने इस एक्ट को इन बिजनेस कम्यूनिटीज के लिए एलार्मिग बताते हुए इसे ड्रैकोनियन लॉ तक कह दिया। बिनानी ने बताया कि एक्ट क्9भ्म् को पास कराने के लिए पार्लियामेंट में दस दिन तक बहस हुई थी। लेकिन न्यू कम्पनीज एक्ट ख्0क्फ् के लिए गवर्नमेंट ने दस मिनट भी डिस्कशन करना मुनासिब नहीं समझा। इसके कुछ प्वाइंट्स सितंबर, ख्0क्फ् में ही इंप्लीमेंट हो गए थे। उन्होंने इसे इंडस्ट्री के लिए ब्लैक डे बताया।
क्यों इस एक्ट से है प्रॉब्लम - पहले जो एक्ट केवल बड़ी कंपनीज पर इंप्लीमेंट होता था अब छोटी कंपनीज पर भी इंप्लीमेंट होगा। - पेनाल्टी हजारों से शुरू होकर दस करोड़ तक है। यानि पेनाल्टी और प्रासीक्यूशन बेहद सख्त हैं। -कई केसेज में कंपनीज का लोन लेना बहुत डिफिकल्ट कर दिया गया है। -प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अपने मेंबर तक से लोन नहीं ले सकती है। -देश भर में 9फ् पर्सेट कंपनियां प्राइवेट लिमिटेड कंपनीज हैं। इसलिए इम्पैक्ट व्यापक होगा। -सभी प्राइवेट कंपनीज का फाइनेंशियल इयर का टाइम मार्च मंथ फिक्स कर दिया गया है। इससे ऑडिट कराने में बेहद प्रॉब्लम होगी। पहले प्राइवेट लिमिटेड कंपनीज के लिए ऐसा रूल नहीं था। -पहले कंपनीज एक्ट का सेक्शन क्8भ् प्राइवेट लिमिटेड कंपनीज पर इंप्लीमेंट कर दिया गया है। इसमें लोन से रिलेटेड कड़े प्रोविजन हैं।एक्ट के प्रोविजन बेहद सख्त है। छोटी कंपनियों के लिए इसमें बहुत अधिक पेपर वर्क पूरा करना होगा। यहां तक कि आडिटर्स पर भी हाई पेनाल्टी इंपोज का सामना करना पड़ सकता है। हम मांग करते हैं कि गवर्नमेंट इसे अमेंड करे।
- आशीष अग्रवाल, सीए इस एक्ट को गवर्नमेंट ने बिना किसी डिस्कशन के पास कर दिया है। इससे प्राइवेट कंपनीज की स्मूथ फंग्शनिंग पर बुरा असर पड़ेगा। - अरूण गड़ोदिया, सीए, सीएस इसमें ऐसे प्रोविजन भी शामिल किए गए है जो पहले केवल बड़ी कंपनीज पर लागू थे। लोन के नियम सख्त किए गए हैं। - एसके रूंगटा, सीए